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Budget 2024: सिर्फ साढ़े सात महीने के लिए था आजादी के बाद पहला बजट, किसने किया था पेश और किस क्षेत्र में कितनी राशि हुई थी खर्च, यहां जानिए

First Budget of India: भारत की आजादी के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. तत्कालीन वित्तमंत्री आरके शटमुखम शेट्टी ने इसे पेश किया था. यह बजट साढ़े सात महीने का था. पहले बजट में 171.15 करोड़ रुपए का खर्च आया था और इस बजट में 197.29 करोड़ रुपए का खर्च दिखाया गया था.

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हाइलाइट्स
  • भारत में पहली बार बजट 7 अप्रैल 1860 को किया गया था पेश

  • 23 जुलाई 2024 को पेश किया जाएगा मोदी 3.0 का पहला बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) फाइनेंसियल ईयर 2024-25 के लिए बजट (Budget) लोकसभा (Lok Sabha) में 23 जुलाई 2024 को लगातार सातवीं बार पेश करेंगी.

यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तीसरी सरकार की प्राथमिकता और विकसित भारत की दिशा तय करेगा. इस बजट से आम लोग, बिजनेसमैन, नौकरी करने वालों से लेकर स्टूडेंट्स तक को काफी उम्मीदें हैं. बजट में आने वाले वित्त वर्ष का पूरा आर्थिक लेखा-जोखा लिखा होता है.आज हम आपको बता रहे हैं कि देश की आजादी के बाद पहला बजट कब और किसने पेश किया था? 

ब्रिटेन की महारानी के समक्ष पेश किया गया था भारत का पहला बजट
पूरी दुनिया में सबसे पहले बजट पेश करने की शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी. भारत (India) में पहली बार बजट 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था. ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनेता जेम्स विल्सन ने ब्रिटेन की महारानी के समक्ष भारत का बजट पेश किया था. 1857-59 में भारत की आजादी के लिए लड़ी गई पहली लड़ाई के बाद ब्रिटिश साम्राज्य वित्तीय संकट से जूझ रहा था इसलिए भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए बजट पेश किया गया था.

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इस दिन पेश किया गया था स्वतंत्र भारत का पहला बजट 
भारत की आजादी के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. तत्कालीन वित्तमंत्री आरके शटमुखम शेट्टी ने इसे पेश किया था. यह बजट साढ़े सात महीने का था. इसके बाद अगला बजट 1 अप्रैल 1948 को पेश किया जाना था. पहले बजट में निर्णय लिया गया था कि भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही मुद्रा को सितंबर 1948 तक साझा करेंगे.

इतने करोड़ रुपए का दिखाया गया था खर्च
आजादी के बाद पेश किए गए पहले बजट में 171.15 करोड़ रुपए का खर्च आया था और इस बजट में 197.29 करोड़ रुपए का खर्च दिखाया गया था. पहले बजट में 92.74 करोड़ रुपए का खर्च रक्षा बजट पर किया गया था यानी 46% सिर्फ रक्षा सेवाओं पर खर्च किया गया था. इसके बाद बजट का पैसा खाद्यान्न उत्पादन और नागरिक पर सबसे अधिक खर्च किया गया था.

खाद्य उत्पादन कम था इसलिए खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी गई थी.  उस समय का वित्तीय घाटा 26.14 करोड़ रुपए का रहा था. देश पर अंग्रेजों के कब्जे के दौरान बजट में टैक्स का कोई प्रावधान नहीं था.लेकिन आजादी के बाद बजट में टैक्स के प्रावधानों को जोड़ने के लिए 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक कई सिफारिशें सामने आईं. 

साल 1955 तक सिर्फ अंग्रेजी में पेश किया जाता था बजट
आपको मालूम हो कि साल 1955 तक बजट केवल अंग्रेजी में पेश किया जाता था. इसके बाद से कांग्रेस सरकार ने बजट पेपर्स को हिंदी और अंग्रेजी दोनो में प्रिंट करने का फैसला किया. कोरोना महामारी के समय बजट 2021-22 को पहली बार पेपरलेस मोड में पेश किया गया था.

शब्द के हिसाब से सबसे लंबा बजट भाषण मनमोहन सिंह ने 1991 में दिया था. भाषण में 18,177 शब्द थे. सबसे छोटा बजट भाषण तत्कालीन वित्त मंत्री हीरुभाई मुलजीभाई पटेल ने 1977 में सिर्फ 800 शब्दों में दिया था. वर्ष 1999 तक बजट भाषण फरवरी के अंतिम कार्यदिवस को शाम पांच बजे पेश किया जाता था. लेकिन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 1999 में इसे बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था.