
दिल्ली में नई सरकार (Delhi Rekha Gupta Govt) का गठन हो गया है. पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री (Delhi New CM Rekha Gupta) हैं. शीला दीक्षित और आतिशी के बाद रेखा गुप्ता दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की कैबिनेट में 6 मंत्री हैं. सीएम रेखा गुप्ता के 6 सहयोगियों में प्रवेश साहिब सिंह, पंकज कुमार सिंह, मनजिंदर सिरसा, रविन्द्र इंदराज, आशीष सूद और कपिल मिश्रा है.दिल्ली में नई सरकार के गठन के बाद 24 फरवरी को विधानसभा का पहला सत्र होना है.
दिल्ली की नई चुनी हुई विधानसभा का पहला सत्र (Delhi Assembly First Session) हंगामेदार होने के आसार हैं. सत्र भले ही महज तीन दिनों का हो लेकिन जिस तरीके से कार्यवाही की सूची आई है. शुरुआती सत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विपक्ष में बैठे आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों में जमकर नोक झोक होगी.
विधानसभा सत्र की सूची
दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र तीन दिनों का रहेगा. विधानसभा सत्र 24 फरवरी सोमवार को शुरू होगा. ये सत्र 27 फरवरी गुरुवार तक चलेगा. विधानसभा सत्र की कार्य सूची जारी की गई है. उसके मुताबिक 24 फरवरी को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों सहित सभी विधायक शपथ लेंगे.
शपथ लेने की कार्यवाही प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली पूरी करवाएंगे. इसी दिन लंच के बाद बीजेपी के सीनियर नेता विजेंद्र गुप्ता को अध्यक्ष बनाया जाएगा. आम आदमी पार्टी ने किसी का नाम अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित नहीं किया है इसीलिए विजेंद्र गुप्ता निर्विरोध ही अध्यक्ष चुने जाएंगे.
क्यों होगा हंगामा?
पहले दिन हंगामे के आसार नहीं हैं लेकिन दूसरे दिन 25 फरवरी मंगलवार को काफी हंगामा होने की आशंका है. मंगलवार को सबसे पहले उप राज्यपाल मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पहली बार विधानसभा को संबोधित करेंगे.
उप राज्यपाल के अभिभाषण में पिछली सरकारों के कामकाज को लेकर टिप्पणी भी हो सकती है. इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायक चुप रहेंगे, इसकी संभावना कम है. 25 फरवरी को ही कैग रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी जाएगी. इस रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान हुई कई सारी गड़बड़ियों के सार्वजनिक होने की आशंका है.
CAG रिपोर्ट से मुश्किल में AAP
दिल्ली सरकार से जुड़ी हुई कंट्रोलर और ऑडिटर जनरल की 14 रिपोर्ट फिलहाल पेंडिंग पड़ी हुई है. हालांकि इन रिपोर्ट्स को कैग ने काफी पहले ही दिल्ली सरकार को सौंप दिया था लेकिन उन्हें विधानसभा के पटल पर नहीं रखा गया. 14 रिपोर्ट्स में दिल्ली के आबकारी विभाग से जुड़ी हुई रिपोर्ट भी है.
रिपोर्ट में शराब घोटाले से जुड़े हुए फैक्ट सामने आ सकते हैं. इसके अलावा डीटीसी, मोहल्ला क्लीनिक, स्वास्थ्य विभाग और पब्लिक अंडरटेकिंग की रिपोर्ट भी पेंडिंग पड़ी हुई है. इनमें से कुछ रिपोर्ट तो अगस्त 2023 में ही दिल्ली सरकार के पास पहुंच गई थी लेकिन उन्हें विधानसभा में नहीं रखा गया।. अब जब सारी रिपोर्ट एक साथ ही सामने आएंगी तो हंगामा तो होगा ही.
विधानसभा अध्यक्ष
सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे विजेंद्र गुप्ता दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गए थे. अपनी याचिका में विजेंद्र गुप्ता ने हाई कोर्ट से मांग की थी कि वह दिल्ली सरकार को निर्देश दे कि तत्काल सभी पेंडिंग रिपोर्ट्स विधानसभा में रखी जाए.
जब तक इस पर कोई फैसला आता तब तक विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी थी. इसलिए तब की सरकार ने इसे पेश नहीं किया. अब वही विजेंद्र गुप्ता विधानसभा अध्यक्ष बनने वाले हैं. आखिरकार उन्हीं की अध्यक्षता में पिछली सरकार का हिसाब किताब इन रिपोर्ट्स की शक्ल में विधानसभा में रखा जाएगा.