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Indian Army: चीन-पाकिस्तान सीमा पर तोप और रॉकेट से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देंगी बेटियां, सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में पहली बार तैनात हुईं 5 महिला अधिकारी

तोपखाना रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट महक सैनी, साक्षी दुबे, अदिति यादव, पायस मुद्गिल समेत पांच महिला अधिकारियों को शामिल किया गया है. इनमें से तीन अधिकारियों को चीन के साथ लगती सीमाओं पर और दो को पाकिस्तान के साथ अग्रिम सीमा के समीप तैनात किया गया है. 

Women Army Officers into Artillery Regiments (photo twitter) Women Army Officers into Artillery Regiments (photo twitter)
हाइलाइट्स
  • ओटीए चेन्नई में हुई पासिंग आउट परेड में 186 कैंडिडेट हुए शामिल

  • युवा महिला कैडेटों ने संविधान के प्रति निष्ठा की ली शपथ

Women Army Officers into Artillery Regiments: देश की बेटियां अब तोप और रॉकेट से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देंगी. जी हां, भारतीय सेना ने पहली बार अपनी तोपखाना (आर्टिलरी) रेजिमेंट में पांच महिला अधिकारियों को शामिल किया है. तोपखाना रेजिमेंट में शामिल होने वाली महिला अधिकारियों ने शनिवार को चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया. 

तोपखाना रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट महक सैनी, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे, लेफ्टिनेंट अदिति यादव और लेफ्टिनेंट पायस मुद्गिल समेत पांच महिला अधिकारियों को शामिल किया गया है. पांच महिला अधिकारियों में से तीन को चीन के साथ लगती सीमाओं पर तैनात टुकड़ियों में नियुक्त किया गया है, वहीं दो अन्य महिला अधिकारियों को पाकिस्तान के साथ अग्रिम सीमा के समीप चुनौतीपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है. लेफ्टिनेंट महक सैनी को सर्विलांस एंड टारगेट एक्विजिशन रेजिमेंट में, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे और लेफ्टिनेंट अदिति यादव को फील्ड रेजिमेंट में, लेफ्टिनेंट पवित्र मुदगिल को एक मीडियम रेजिमेंट में और लेफ्टिनेंट आकांक्षा को एक रॉकेट रेजिमेंट में कमीशन दिया गया है. पासिंग आउट परेड के समापन के बाद युवा महिला कैडेटों ने संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली और अपना रैंक प्रतीक चिह्न प्राप्त किया. यह आर्टिलरी रेजिमेंट में उनके प्रवेश का प्रतीक था.

खुद पर महिलाएं करें विश्वास, जो करना चाहती हैं वे करें 
गलवान घाटी संघर्ष के नायक दीपक सिंह की पत्नी लेफ्टिनेंट रेखा सिंह ने कहा कि मेरे पति के गुजर जाने के बाद मैंने भारतीय सेना में शामिल होने का फैसला किया और इसकी तैयारी शुरू कर दी. आज मेरी ट्रेनिंग पूरी हो गई है और मैं लेफ्टिनेंट बन गई हूं. मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है और मैं सभी महिला उम्मीदवारों को सलाह देना चाहूंगी कि वे खुद पर विश्वास करें और दूसरों के बारे में सोचे बिना वह करें जो वे करना चाहती हैं. नाइक दीपक ने गलवान संघर्ष के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था.

परिवर्तन का है प्रमाण 
आर्टिलरी रेजिमेंट में महिला अधिकारियों की कमीशनिंग भारतीय सेना में चल रहे परिवर्तन का एक प्रमाण है. गत जनवरी में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने आर्टिलरी इकाइयों में महिला अधिकारियों को नियुक्त करने के निर्णय की घोषणा की थी. बाद में इस प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी थी.

जताया गर्व
लेफ्टिनेंट जनरल अदोष कुमार ने इस मौके पर गर्व जताते हुए कहा, रेजिमेंट आर्टिलरी के लिए महिला अधिकारियों का हमारे साथ स्वागत करने का ये एक महत्वपूर्ण अवसर है. हमें उनकी क्षमता पर पूरा भरोसा है और यकीन है कि वे भविष्य में कमांड आर्टिलरी यूनिट सहित अपने संबंधित भविष्य में बहुत अच्छा कार्य करेंगी. इस समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल और आर्टिलरी के महानिदेशक (नामित) सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, अन्य गणमान्य व्यक्तियों और नए कमीशन अधिकारियों के गर्वित परिवार के सदस्यों ने भाग लिया. ओटीए चेन्नई में हुई पासिंग आउट परेड में 186 कैंडिडेट शामिल थे. इनमें 29 कैंडिडेट भूटान के नागरिक हैं. पासिंग आउट परेड का रिव्यू बांग्लादेश के सेना प्रमुख सीओएएस जनरल एसएम शफीउद्दीन अहमद ने किया.