scorecardresearch

5 साल की उम्र में बेंगलुरु की इस बच्ची ने बनाया कोडिंग में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड

सुनविशा का ये टेलेंट इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स ने नोट किया है. ये एक दिल्ली बेस्ड संस्था है. इससे पहले ये 5 साल की बच्ची कलाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करवा चुकी है. जिसमें सुनविशा के नाम पर भारत के आउटलाइन मैप पर सभी राज्य और केंद्र-शासित प्रदेशों को सबसे ज्यादा तेजी से लोकेट और पहचानने में रिकॉर्ड बनाया है.   

कोडिंग (फोटो: प्रतीकात्मक तस्वीर) कोडिंग (फोटो: प्रतीकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • कन्वेंशनल नंबर सिस्टम में 10 डिजिट, 0-9 तक होती हैं

  • इससे पहले कर चुकी हैं कई रिकॉर्ड अपने नाम

आपको याद है 5 साल की उम्र में आप और हम क्या कर रहे थे? लेकिन बेंगलुरु की इस 5 साल की बच्ची के बारे में सुनेंगे तो हैरान रह जायेंगे.... 5 साल की सुनविशा सी नायर ने कोडिंग की दुनिया में एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है. भारत की रहने वाली इस 5 साल की उम्र में सुनविशा ने कोडिंग करने में वर्ल्ड रिकॉर्ड सेट कर दिया है. उन्होंने कोड डेसीमल, ऑक्टल, हेग्जा डेसीमल और नंबर सिस्टम में 1 से 15 तक की बाइनरी कोडिंग करने वाली पहली शख्स हैं. आपको बता दें, सुनविशा बेंगलुरु के एसटी पाल्या इलाके की हैं जो क्राइस्ट स्कूल की केजी क्लास में पढ़ती हैं. 

कन्वेंशनल नंबर सिस्टम की अगर बात करें तो इसमें 10 डिजिट, 0-9 तक होती हैं. हेक्साडेसिमल में 16 डिजिट होती हैं, जो 0 से 9 तक और फिर A, B, C, D, E, F तक जाती है. ऑक्टल कोडिंग में 8 डिजिट होती हैं जो 0-7 तक जाती हैं और बाइनरी में 2 डिजिट होती हैं.

इससे पहले कर चुकी हैं कई रिकॉर्ड नाम 

आपको बता दें, सुनविशा का ये टेलेंट इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स ने नोट किया है. ये एक दिल्ली बेस्ड संस्था है. इससे पहले ये 5 साल की बच्ची कलाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करवा चुकी है. जिसमें सुनविशा के नाम पर भारत के आउटलाइन मैप पर सभी राज्य और केंद्र-शासित प्रदेशों को सबसे ज्यादा तेजी से लोकेट और पहचानने में रिकॉर्ड बनाया है.   
 
बचपन से ही है क्विक लर्नर: मां 

सुनविशा की मां सुपर्णा कहती हैं कि हमने बहुत पहले ही पहचान लिया था कि वह एक फास्ट और क्विक लर्नर है. वहीं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर कृष्ण कुमार कहते हैं, “हम उसे अलग-अलग पजल्स, बिल्डिंग ब्लॉक्स जैसे टास्क देते थे ताकि उसकी लर्निंग पावर और अच्छी हो सके. उसी की बदौलत आज हम देख रहे हैं कि वह आसानी से ऑक्टल, हेक्साडेसीमल और बाइनरी कोडिंग कर रही है.