कन्या भ्रूण हत्या (Female Foeticide) की रोकथाम के लिए कर्नाटक सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है. कर्नाटक हेल्थ डिपार्टमेंट ने राज्य के किसी भी अस्पताल में चल रहे भ्रूण लिंग जांच के बारे में जानकारी देने वाले लोगों को ₹1 लाख का नकद इनाम देने की घोषणा की है.
सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर (080-25202264/65) जारी किया है. इस नंबर पर कॉल करके कोई भी व्यक्ति अस्पताल में चल रहे लिंग जांच की सूचना दे सकता है. इस पहल का उद्देश्य महिला-पुरुष अनुपात में हुए गिरावट को रोकना है. पिछले साल प्रति 1,000 पुरुषों पर 947 महिलाएं थीं. इस साल 929 हैं. घटता लिंगानुपात बताता है कि राज्य में कन्या भ्रूण हत्याएं हो रही हैं.
अस्पताल में चल रहा था अवैध गर्भपात
बता दें, बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में रखे कूड़ेदान में एक कन्या भ्रूण पाए जाने के बाद उसे सील कर दिया गया है और अस्पताल के डॉक्टर समेत चार कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है. इस अस्पताल के डॉक्टर श्रीनिवास पर पिछले दो सालों से अस्पताल में लिंग निर्धारण परीक्षण और अवैध गर्भपात कराने का आरोप लगाया गया है. दरअसल स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम ने बीते बुधवार को अपने नियमित निरीक्षण के तहत अस्पताल का दौरा किया और इसी दौरान उन्हें कूड़ेदान में कन्या भ्रूण मिला.
सरकार उठा रही कई कदम
कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए कर्नाटक सरकार कानूनों में संशोधन करने, नई नीति बनाने और टास्क फोर्स गठित करने समेत कई उपाय कर रही है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नियमित रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक में लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया था. कर्नाटक हेल्थ डिपार्टमेंट ने ऐसे अस्पतालों को सील करने को कहा है जहां कन्या भ्रूण हत्याएं होती हैं. बेंगलुरु, मांड्या और मैसूरु जिलों में उजागर हुए घोटाले के सिलसिले में कई गिरफ्तारियां की गई हैं.
जन्म पूर्व लिंग जांच का कानून
गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 के तहत गर्भाधारण पूर्व या बाद लिंग चयन और जन्म से पहले कन्या भ्रूण हत्या के लिए लिंग जांच करना गुनाह है. ऐसा करने वाले को दस साल की सजा या जुर्माना दोनों हो सकता है. लिंग जांच के लिए सहयोग देना कानूनी अपराध है. इसके तहत 3 से 5 साल तक की जेल व 10 हजार से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.