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e-Kisan Upaj Nidhi: ई-किसान उपज निधि लॉन्च, अब गोदामों में रखी उपज पर अन्नदाताओं को मिलेगा लोन, जानें कितना चुकाना होगा ब्याज

खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने ई-किसान उपज निधि (e-Kisan Upaj Nidhi) नामक डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्‍च किया है. अब किसानों को पंजीकृत गोदामों में रखे उनके उत्पादों पर बिना किसी गारंटी के लोन मिल सकेगा. इससे किसान पैसों की जरूरत पड़ने पर औने-पौने दामों में फसल बेचने से बच जाएंगे.

e-Kisan Upaj Nidhi Launched e-Kisan Upaj Nidhi Launched
हाइलाइट्स
  • पीयूष गोयल बोले- आय बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का करें उपयोग

  • लोन लेने के बाद भी किसान गोदामों में रखी अपनी उपज को सही समय पर बेच सकेंगे

मोदी सरकार देश के किसानों की तरक्की के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. अब केंद्र सरकार बिना गारंटी के अन्नदाताओं को लोन देगी ताकि उनका विकास हो सके. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को क्या करना होगा, आइए यहां जानते हैं.

आसानी से मिल सकेगा लोन
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने सोमवार को ई-किसान उपज निधि (e-Kisan Upaj Nidhi) योजना को लॉन्‍च किया. इस डिजिटल प्लेटफॉर्म को पेश करने का मकसद किसानों (Farmers) को वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के पास पंजीकृत गोदामों में रखे उनके उत्पादों पर लोन देना है. गोयल ने कहा कि किसानों को बिना कुछ गारंटी यानी गिरवी रखे 7 प्रतिशत की ब्याज पर आसानी से लोन मिल सकेगा. किसानों के इसके लिए बस पंजीकृत गोदामों में अपनी फसल को रखना होगा.

ब्याज दर और राशि चुनने का विकल्प
मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े बैंक किसानों को ब्याज दर और राशि चुनने का विकल्प भी उपलब्ध कराएंगे. अभी WDRA के पास करीब 5,500 गोदाम पंजीकृत हैं, जबकि कृषि से जुड़े गोदामों की कुल संख्या एक लाख है. मंत्री ने कहा कि WDRA की ओर से गोदाम मालिकों से ली जाने वाली सुरक्षा राशि को भी स्टाक मूल्य का तीन प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया जाएगा.

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इस तरह से इन गोदामों में किसानों को अपनी उपज का भंडारण करने के लिए केवल एक प्रतिशत सुरक्षा जमा राशि देनी पड़ेगी. किसानों को गोदामों का उपयोग करने और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है. मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग से कृषि को आधुनिक बनाने की जरूरत पर बल दिया.

संकट में फसल बेचने को मजबूर नहीं होंगे किसान
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ई-किसान उपज निधि और ई-एनएएम (e-NAM) के साथ देश के अन्नदाता एक इंटरकनेक्टिड मार्केट की तकनीक का उपयोग करने में सक्षम होंगे, जो उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर या उससे ज्यादा दाम पर अपनी उपज को सरकार को बेचने का फायदा पहुंचाती है. उन्होंने कहा कि पिछले दशक में एमएसपी के जरिए सरकारी खरीद 2.5 गुना बढ़ी है. मंत्री ने कहा कि लोन लेने के बाद भी किसान गोदामों में रखी अपनी उपज को सही समय पर बेच सकेंगे.

अन्नदाताओं को अपनी फसल संकट में बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा. गोयल ने कहा कि कई बार देखा गया है कि अच्छी फसल के बाद भंडारण की सही सुविधा नहीं होने और पैसों की जरूरत की पूर्ति के लिए किसान अपनी पूरी फसल को सस्ती दरों पर बेच देते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. किसानों को उपज रखने के लिए गोदाम मिलेगा साथ ही पैसों की जरूरत पड़ने पर वे लोन भी ले सकते हैं.

गोदामों को आधुनिक बनाने की आवश्यकता पर जोर
गोयल ने WDRA को सहकारी समितियों की ओर से स्थापित गोदामों को बिना किसी शुल्क के पंजीकृत करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (FCI), केंद्रीय भंडारण निगम (CWC) और WDRA की ओर से बनाए गए गोदाम आधुनिक हैं, लेकिन उन्होंने उनसे अपने गुणवत्ता मानकों को और अधिक सख्त बनाने को कहा. उन्होंने राज्य एजेंसियों की ओर से संचालित गोदामों को आधुनिक बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. गोयल ने कहा कि कृषि क्षेत्र 2047 तक राष्ट्र को विकसित भारत बनाने की दिशा में आधार स्तंभ होगा.