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Sandeep Singh: छूकर निकल गई थी मौत, स्टार हॉकी खिलाड़ी से सियासत में इंट्री तक की पूरी कहानी जानिए

Sandeep Singh: ड्रैग फ्लिकर संदीप सिंह पर साल 2018 में बॉलीवुड में सूरमा नाम से फिल्म बन चुकी है. जिसमें उनके जीवन के संघर्ष और जीत को दिखाया गया है. इस फिल्म में संदीप सिंह की भूमिका दिलजीत दोसांझ ने निभाई है.

हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह का इस्तीफा (Photo/PTI) हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह का इस्तीफा (Photo/PTI)
हाइलाइट्स
  • हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह का इस्तीफा

  • संदीप सिंह पर महिला कोच ने लगाया है छेड़खानी का आरोप

हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने नए साल के पहले दिन ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनपर छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगे हैं. महिला हॉकी टीम की कोच ने छेड़खानी का आरोप लगाया है. महिला कोच का कहना है कि 1 जुलाई 2022 को उनके साथ छेड़खानी गई थी. संदीप सिंह के खिलाफ चंडीगढ़ के सेक्टर 26 पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 354, 35A, 35AB, 342 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है. संदीप सिंह हॉकी के बड़े खिलाड़ी रहे हैं. वो भारतीय हॉकी टीम के कप्तान भी रहे हैं. चलिए आपको बताते हैं कि खेल मंत्री का पद छोड़ने वाले संदीप सिंह की जिंदगी कैसी रही है.

कौन हैं संदीप सिंह-
संदीप सिंह का जन्म 27 फरवरी 1986 को हरियाणा में हुआ था. कुरुक्षेत्र के शाहबाद में उनका घर है. संदीप का परिवार एक मध्यवर्गीय परिवार था. उनकी पढ़ाई पटियाला के खालसा कॉलेज से हुई है. इसके बाद उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की.

घर में मिली हॉकी की ट्रेनिंग-
संदीप सिंह के बड़े भाई बिक्रमजीत सिंह हॉकी के खिलाड़ी हैं. घर में हॉकी का माहौल था. इसलिए बचपन से ही संदीप सिंह हॉकी को लेकर उत्साहित रहे. भाई बिक्रमजीत ड्रैग फ्लिकर थे. लेकिन चोट की वजह से उनको अपने खेल को रोकना पड़ा. लेकिन उनके सपने बड़े थे. उन्होंने अपने भाई संदीप सिंह को बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी बनाने का फैसला किया. बिक्रमजीत सिंह संदीप को हॉकी की ट्रेनिंग देने लगे. उसके बाद संदीप ने धीरे-धीरे हॉकी को अपना करियर बना लिया. संदीप सिंह ने खेल के मैदान पर कमाल दिखाने लगे. उनकी चर्चा भी खूब होने लगी. वो अपने खेल को लेकर मशहूर हो गए. वो एक बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर रहे.

नेशनल टीम में मिली जगह-
बेहतरीन खेल की बदौलत संदीप सिंह को जल्द ही नेशनल टीम में खेलने का मौका मिला. साल 2004 में अंतरराष्ट्रीय खेल में संदीप के सफर का आगाज हुआ. उन्होंने कुआलालंपुर में अजलान शाह कप से इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की. साल 2004 में ही एथेंस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने. साल 2005 में जूनियर हॉकी विश्व कप में संदीप सिंह सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी रहे.

करियर में रोड़ा बना हादसा-
संदीप सिंह स्टार खिलाड़ी बन गए थे. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. एक हादसे संदीप सिंह के करियर में रोड़ा बन गया. दरअसल अगस्त 2006 में संदीप सिंह कालका नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे. उस दौरान उप-निरीक्षक मोहर सिंह ने उनको गोली मार दी. संदीप को रीढ़ की हड्डी में गोली लगी थी. गोली लगने से संदीप सिंह को लकवा हो गया. 

संदीप सिंह ने की दमदार वापसी-
संदीप सिंह का विदेश में भी इलाज हुआ. इसके बाद उन्होंने वापसी की. साल 2008 में संदीप सिंह ने सुल्तान अजलान शाह कप में 8 गोल किए और शानदार वापसी की. साल 2009 में संदीप सिंह को हॉकी टीम का कप्तान बना दिया गया. इसी साल सुल्तान अजलान शाह हॉकी कप में टीम इंडिया ने शानदार जीत दर्ज की. भारतीय टीम ने ये कारनामा 13 साल बाद किया था. साल 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों में हॉकी टीम ने रजत पद जीता था. संदीप की कप्तानी में भारतीय टीम ने 8 साल बाद साल 2012 में ओलंपिक में क्वालीफाई किया था. इस ओलंपिक में संदीप सिंह ने सबसे ज्यादा 16 गोल किए थे.
संदीप सिंह ऑस्ट्रेलिया में सेंट जॉर्ज रैंडविक हॉकी क्लब और इंग्लैंड में हार्वर्ड हॉकी क्लब जैसे इंटरनेशनल क्लबों के लिए खेल चुके हैं.

सियासत में संदीप की इंट्री-
साल 2019 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए. इसमें बीजेपी ने कई खिलाड़ियों को चुनाव मैदान में उतारा. इसमें से एक संदीप सिंह भी थे. कई खिलाड़ी चुनाव हार गए. लेकिन संदीप सिंह ने पिहोवा सीट से चुनाव जीत लिया. इसके बाद संदीप सिंह को मंत्री भी बना दिया गया. संदीप सिंह को खेल मंत्रालय का प्रभार मिला. लेकिन अब संदीप सिंह पर महिला कोच ने रेप का आरोप लगाया है. इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

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