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Birthday Special: पायलट बनना चाहते थे राजीव गांधी...फिर कैसे हुई पॉलिटिक्स में एंट्री, इन उपलब्धियों के लिए आज भी याद किए जाते हैं पूर्व पीएम

Happy Birthday Rajiv Gandhi: पूर्व पीएम राजीव गांधी का मानना था कि विज्ञान और तकनीक की मदद के बिना उद्योगों का विकास नहीं हो सकता. राजीव गांधी को भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है. 

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (फाइल फोटो) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था

  • देश के विकास के लिए किए कई सारे काम 

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जन्म आज ही के दिन 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था. उन्होंने 40 साल की उम्र में ही देश की बागडोर संभाली और देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने का दर्जा हासिल किया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी जयंती पर लद्दाख में पैंगोंग झील के तट पर श्रद्धांजलि अर्पित की. आइए आज जानते हैं पायलट बनने की चाहत रखने वाले राजीव गांधी की पॉलिटिक्स में एंट्री कैसे हुई और बतौर प्रधानमंत्री उन्हें किन उपलब्धियों के लिए आज भी याद किया जाता है.

बचपन तीन मूर्ति भवन में बीता
पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के पुत्र राजीव का नाम नाना पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनकी नानी कमला नेहरू के नाम पर रखा था. कमला का मतलब लक्ष्मी देवी होता है जो कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं और राजीव कमल का पर्यायवाची शब्द होता है. राजीव गांधी का बचपन तीन मूर्ति भवन में बीता. उनकी शिक्षा की बात करें तो वे कुछ समय के लिए देहरादून के वेल्हम स्कूल गए लेकिन जल्द ही उन्हें हिमालय की तलहटी में स्थित आवासीय दून स्कूल में भेज दिया गया. वहां उनके कई मित्र बने जिनके साथ उनकी आजीवन दोस्ती बनी रही. बाद में उनके छोटे भाई संजय गांधी को भी इसी स्कूल में भेजा गया जहां दोनों साथ पढ़े. स्कूली शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद राजीव गांधी आगे की पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए. जल्द ट्रिनिटी कॉलेज को उन्होंने अलविदा कह दिया और लन्दन के इम्पीरियल कॉलेज चले गए जहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.

ऐसे हुई थी सोनिया गांधी से मुलाकात 
राजीव गांधी कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर रहे थे उसी वक्त उनकी मुलाकात सोनिया गांधी से हुई. सोनिया गांधी इतालवी मूल की छात्रा थीं और उस वक्त कैम्ब्रिज में अंग्रेजी की पढ़ाई कर रही थीं. दोनों ने तीन साल तक एक-दूसरे को डेट किया और फिर दोनों जब भारत आए तो सोनिया गांधी अमिताभ बच्चन के पिता के यहां ठहरीं. इसके  बाद अमिताभ की मां से ही राजीव की मां इंदिरा गांधी की उनके प्यार की कहानी पता चली और अमिताभ के माता-पिता ने ही सोनिया का कन्यादान भी किया था. राजीव ने सोनिया से 1968 में शादी की थी. दोनों के बच्चों का नाम राहुल गांधी और प्रियंका गांधी है.

हवाई जहाज उड़ाने का था शौक
राजीव गांधी की रुचि राजनीति में कभी नहीं रही. वह तो पायलट बनना चाहते थे. इंग्लैंड से भारत आकर राजीव पहले दिल्ली के फ्लाइंग क्लब के सदस्य बने और पायलट बनने की ट्रेनिंग ली. उन्हें बचपन से ही  पायलट बनने का शौक था. शादी के बाद राहुल गांधी के पैदा होने के समय उन्होंने एयर इंडिया में पायलट की नौकरी कर ली थी. उस समय उनकी सैलरी सिर्फ 5 हजार रुपए महीना थी और इससे राजीव गांधी काफी संतुष्ट थे. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.

भाई की मौत ने बदली जिंदगी
1980 में राजीव के भाई संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत हो गई. इसके बाद सब कुछ बदल गया. इंदिरा गांधी की राजनैतिक विरासत को संभालने वाले संजय गांधी के जाने के बाद इंदिरा गांधी की उम्मीदें राजीव गांधी पर टिकीं थीं. राजीव ने अनमने दिल से मां इंदिरा गांधी का दिल रखा और उन्होंने पायलट की नौकरी छोड़ दी और राजनीति में आ गए. उत्तर प्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र से राजीव गांधी ने पहली बार उपचुनाव लड़ा. वह इस सीट से जीत गए और पहली बार संसद पहुंचे.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बने पीएम
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके निजी सुरक्षा कर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इंदिरा गांधी की हत्या के कुछ घंटों बाद ही राजीव को प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई गई. इंदिरा गांधी की हत्या के ठीक दो महीने बाद यानी दिसंबर 1984 में लोकसभा चुनाव हुए और इस चुनाव में कांग्रेस ने 524 सीटों में से 415 सीटों पर जीत दर्ज की.

इन उपलब्धियों के लिए याद किए जाते हैं राजीव गांधी
1. वोट करने की आयु सीमा घटाईः पहले देश में वोट करने की आयु सीमा 21 वर्ष थी, जो युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की नजर में गलत थी. उन्होंने 18 वर्ष की उम्र के युवाओं को मताधिकार देकर उन्हें देश के प्रति और जिम्मेदार व सशक्त बनाने की पहल की. 1989 में संविधान के 61वें संशोधन के जरिए वोट देने की आयु सीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई. 
2. कंप्यूटर क्रांति: राजीव गांधी का मानना था कि विज्ञान और तकनीक की मदद के बिना उद्योगों का विकास नहीं हो सकता. राजीव गांधी को भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने न सिर्फ कंप्यूटर को भारत के घरों तक पहुंचाने का काम किया बल्कि भारत में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को आगे ले जाने में अहम रोल निभाया.
3. पंचायती राज व्यवस्था की नींव: पंचायती राज व्यवस्था की नींव रखने का श्रेय भी राजीव गांधी को ही जाता है. राजीव गांधी का मानना था कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था मजबूत नहीं होगी, तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता. उन्होंने अपने कार्यकाल में पंचायती राज व्यवस्था का पूरा प्रस्ताव तैयार कराया. 1992 में 73वें और 74वें संविधान संशोधन के जरिए पंचायती राज व्यवस्था का उदय हुआ. जब राजीव गांधी की सरकार की ओर से तैयार 64वें संविधान संशोधन विधेयक के आधार पर नरसिम्हा राव सरकार ने 73वां संविधान संशोधन विधेयक पारित कराया. 24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई. 
4. नवोदय विद्यालयों की नींवः ग्रामीण और शहरी वर्गों में नवोदय विद्यालयों की नींव भी राजीव गांधी ने ही रखी. उनके कार्यकाल में ही जवाहर नवोदय विद्यालयों की नींव डाली गई. नवोदय विद्यालय में बच्चों को छह से 12वीं तक की मुफ्त शिक्षा और हॉस्टल में रहने की सुविधा मिलती है.
5. NPE की घोषणाः NPE की घोषणा भी राजीव गांधी ने ही की. राजीव गांधी की सरकार ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NPE) की घोषणा की गई. इसके तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार हुआ.
6. दूरसंचार क्रांति: कम्प्यूटर क्रांति की तरह ही दूरसंचार क्रांति का श्रेय भी राजीव गांधी को जाता है. राजीव गांधी की पहल पर ही अगस्त 1984 में भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स की स्थापना हुई. इस पहल से शहर से लेकर गांवों तक दूरसंचार का जाल बिछना शुरू हुआ. जगह-जगह पीसीओ खुलने लगे. 1986 में राजीव की पहल से ही एमटीएनएल की स्थापना हुई, जिससे दूरसंचार क्षेत्र में और प्रगति हुई.

आत्मघाती हमलावर ने ले ली थी जान
राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. 21 मई 1991 की रात वह तमिलनाडु में चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे तो मंच की ओर आती एक महिला आत्मघाती हमलावर ने उन्हें माला पहनाने की कोशिश की. जैसे ही महिला हमलावर ने उन्हें माला पहनाई और पैर छूने के लिए झुकी उसने अपने कमर पर बंधे बम का बटन दबा दिया. इस धमाके में राजीव गांधी की दर्दनाक मौत हो गई.

मनाया जाता है सद्भावना दिवस
राजीव गांधी के जन्मदिवस की वर्षगांठ पर प्रत्येक वर्ष 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाया जाता है. सद्भावना दिवस का उद्देश्य सभी धर्मों, भाषाओं और क्षेत्रों के लोगों के बीच राष्ट्रीय अखंडता और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ाना है. 1992 में, राजीव गांधी की मृत्यु के एक साल बाद, कांग्रेस ने इस दिवस को सद्भावना दिवस घोषित किया था. इस अवसर पर देश के कई राज्यों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1992 में राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की थी. देश में शान्ति एवं सद्भावना बढ़ाने में योगदान देने के लिए हर साल राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार दिया जाता है.