उत्तर प्रदेश के संभल जिले में भगवान विष्णु के 10वें अवतार भगवान कल्कि को समर्पित एक मंदिर बनने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज इस मंदिर का शिलान्यास किया है. इस मंदिर के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम (Pramod Krishnam) हैं और श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट इस मंदिर का निर्माण कर रहा है.
कल्कि धाम (Kalki Dham) को दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर कहा जा रहा है. क्योंकि कल्कि धाम पहला ऐसा धाम है जहां भगवान के अवतार से पहले ही उनका मंदिर पहले स्थापित किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस मंदिर में एक नहीं बल्कि 10 गर्भगृह होंगे. इस मंदिर में अलग-अलग गर्भगृहों में भगवान विष्णु के दस अवतारों की स्थापना की जाएगी.
मंदिर भवन की विशेषताएं
इस मंदिर का निर्माण उसी गुलाबी रंग के पत्थर से किया जा रहा है जिसका उपयोग सोमनाथ मंदिर (Somnath Mandir) और अयोध्या के राम मंदिर (Ram Mnadir) का निर्माण किया गया था. इस मंदिर के निर्माण में कोई स्टील या लोहे के फ्रेम का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इस मंदिर का शिखर 108 फीट ऊंचा होगा. मंदिर का चबूतरा 11 फीट ऊपर बनाया गया. यहां 68 तीर्थ स्थापित किये जायेंगे.
मंदिर का निर्माण लगभग 5 एकड़ जमीन पर होगा और इसके निर्माण में लगभग 5 साल लग सकते हैं. साल 2029 तक कल्कि धाम बनकर अपना पूर्ण रूप ले लेगा. यह मंदिर भवन की दृष्टि से भव्य होने के साथ-साथ दिव्य भी होगा. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया कि ये धाम भावनाओं को जोड़ते हुए बनाया जा रहा है. ऐसे में गंगा समेत देश की सभी प्रमुख नदियों का जल और 12 ज्योतिर्लिंगों की मिट्टी यहां लाई गई है.
धार्मिक दृष्टिकोण से है बहुत महत्वपूर्ण
कल्कि धाम से जुड़ा धार्मिक दृष्टिकोण बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस सृष्टि को सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग चार भागों में विभाजित किया गया है. माना जाता है कि भगवान विष्णु के नौ अवतारों के बाद अब भविष्य के दसवें अवतार भगवान कल्कि के दर्शन होंगे. धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान जहां अपना अवतार लेंगे वहां 68 तीर्थ भी होंगे. ऐसी चर्चा होती रही है कि विश्व में संभल नाम का कोई दूसरा गांव या दूसरी जगह भी हो सकती है, लेकिन इसके जवाब में ये दलील साधु संत देते हैं कि वहां पर गंगा या 68 तीर्थ नहीं हैं.
इसलिए काफी चिंतन के बाद संतों की ओर से ये संभावना जताई गई कि ये जगह यूपी की संभल हो सकती है, इसी संभल में भगवान कल्कि के दर्शन हो सकते हैं. शास्त्रों में लिखा है कि भगवान कल्कि जब अवतरित होंगे तब भगवान शिव उन्हें देवदत्त नाम का एक सफेद घोड़ा देंगे. भगवान परशुराम उन्हें तलवार देंगे, और भगवान बृहस्पति शिक्षा प्रदान करेंगे. मंदिर के लिए भगवान कल्कि की मूर्ति बनाते समय इन बातों का ध्यान रखा जाएगा.
शिलान्यास समारोह की तैयारी
शिलान्यास में करीब 11 हजार साधु-संत शामिल हुए. शिलान्यास समारोह के लिए पूरे मंदिर परिसर को सजाया गया था. प्रधानमंत्री के लिए मुख्य मंच के ठीक पीछे हेलीपैड बनाया गया. फ़ंक्शन कॉम्प्लेक्स को 3 खंडों में विभाजित किया गया. मुख्य मंच के ठीक सामने, वीवीआईपी मेहमानों, उसके बाद वीआईपी मेहमानों और फिर अन्य मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई. साथ ही रहने की भी व्यवस्था की गई. देशभर से आने वाले साधु-संतों के लिए टेंट सिटी बनाई गई है.