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एवरेस्ट पर बच्चे को मिला सुपर हीरो! सपने ने पहुंचाया ऊंचाई पर

अदवित गोलेछा की मां भी एक ट्रेकर हैं, उनका सपना था कि उनके बच्चा सबसे कम उम्र का ट्रेकर बनें, आज अदवित ने अपनी मां का सपना पूरा कर दिखाया है.

अदवित गोलेछा अदवित गोलेछा
हाइलाइट्स
  • महज चार साल की उम्र में एवरेस्ट किया फतह

  • सुपर हीरोज से मिलने का था सपना

अक्सर छोटे बच्चे फिल्मों के सुपर हीरो हल्क और कैप्टन अमेरिका से मिलने की जिद करते हैं, या उनके जैसा बनने की जिद करते हैं. लेकिन क्या आपको यकीन होगा कि हैदराबाद के नन्हे अदवित ने सुपर हीरो से मिलने की अपनी चाहत को पूरा करने के लिए एवरेस्ट फतह कर लिया है. नन्हें अदवित को हमेशा से यही लगता है कि सीपरहिरोज एवरेस्ट पर मिलते हैं, और इसी चाह ने अदवित को एवरेस्ट पर पहुंचा दिया, लेकिन एवरेस्ट पर पहुंचने के बाद अदवित को सुपर हीरोज तो नहीं मिले  लेकिन उन्हें कामयाबी जरूर मिल गई.

सूपर हिरो से मिलने की चाहत पूरी करने के लिए किया एवरेस्ट फतह

प्रीस्कूल में पढ़ने वाले अदवित ने लगभग 75% ट्रेक पैदल पूरा किया. ट्रेक पूरा करने के अतिंम चरण में हांलाकि हवा का दबाव ज्यादा होता गया, इस वजह से नन्हे अदवित को मदद की जरूरत पड़ी. सात दिनों की लंबी यात्रा के दौरान बच्चे के जहन में सिर्फ एक ही बात घूम रही थी और वो थी हल्क और कैप्टन अमेरिका से मिलने वाली बात. क्योंकि उसकी माँ ने उसे बताया था कि सभी सुपरहेरेस एवरेस्ट बेस कैंप के पास रहते हैं.

सबसे कम उम्र के ट्रेकर बने अदवित गोलेछा

अदवित गोलेछा ने अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहा कि  "मैं एक एवरेस्ट सुपरहीरो हूं, मुझे स्लीपिंग बैग में सोना पसंद है. अदवित गोलेछा की माँ श्वेता गोलेछा भी एक ट्रेकर हैं, और अदवित की मां का ये सपना था कि उनका बेटा सबसे कम उम्र का ट्रेकर बनें, आज अदवित ने अपनी मां का सपना पूरा कर दिखाया है. श्वेता गोलेछा ने बताया कि अदवित ने जब से चलना शुरू किया मैं उसे सिढ़ियां चढ़वाती और उतरवाती थी, इसके लिए कई बार मैं सख्त भी हुई. अदवित को एवरेस्ट की ठंड से वाकिफ कराने के लिए मैं और मेरे पति 15 दिनों की यात्रा पर  मनाली भी लेकर गए.