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यूपी में शुरू होगा मुफ्त राशन वितरण महा अभियान, 15 करोड़ कार्ड धारकों को मिलेगा फायदा

12 दिसंबर से शुरू होने जा रहे इस राशन वितरण अभियान की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं. इसके तहत अंत्योदय राशन कार्डधारकों और उनके परिवारों को दोगुना राशन वितरित किया जाना है. अंत्योदय अन्न योजना के तहत लगभग 1 करोड़ 30 लाख इकाइयां और पात्र घरेलू कार्डधारकों की 13 करोड़ 41 लाख इकाइयां प्रदेश में हैं.

राशन राशन
हाइलाइट्स
  • करोड़ों लोगों को मिलेगा फायदा

  • हर महीने दिया जा रहा है 10 किलो राशन

यूपी में 12 दिसंबर से राशन वितरण के महा अभियान की शुरुआत होने जा रही है. इस अभियान के तहत 15 करोड़ से अधिक राशन कार्ड धारकों को बूस्टर डोज के रूप में दोगुना मुफ्त राशन दिया जाएगा.  देश में यह अब तक का सबसे बड़ा राशन वितरण अभियान है. सरकार की योजना का सीधा लाभ अंत्योदय और पात्र घरेलू राशन कार्ड धारकों को मिलने वाला है. गरीबों, मजदूरों और किसानों को शुरू हो रहे इस अभियान की निगरानी अफसरों के साथ सांसद और विधायक भी करेंगे.

करोड़ों लोगों को मिलेगा फायदा 

दरअसल, 12 दिसंबर से शुरू होने जा रहे इस राशन वितरण अभियान की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं. इसके तहत अंत्योदय राशन कार्डधारकों और उनके परिवारों को दोगुना राशन वितरित किया जाना है. अंत्योदय अन्न योजना के तहत लगभग 1 करोड़ 30 लाख इकाइयां और पात्र घरेलू कार्डधारकों की 13 करोड़ 41 लाख इकाइयां प्रदेश में हैं.

हर महीने दिया जा रहा है 10 किलो राशन 

गौरतलब है कि महामारी के दौरान शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना नवंबर में खत्म हो रही थी इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 नवंबर को अयोध्या में राज्य सरकार की ओर से होली तक मुफ्त राशन वितरण की घोषणा की थी. इसके बाद से यूपी के कार्ड धारकों को हर महीने 10 किलो राशन मुफ्त दिया जा रहा है. केंद्र ने भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया है.

कोविड-19 काल में पहुंचाया गया हजारों को राशन 

आपको बता दें, यूपी सरकार राशन कार्ड धारकों को महीने में दो बार गेहूं और चावल मुफ्त दे रही है. राशन दुकानों से दाल, खाद्य तेल और नमक भी मुफ्त दिया जा रहा है. मंत्रालय के अनुसार, प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में भी गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद की थी. इसमें 80 हजार कोटेदारों के माध्यम से राशन वितरण अभियान को हर गरीब तक पहुंचाने का काम किया गया था.

(समर्थ श्रीवास्तव की रिपोर्ट)