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Goa Liberation Day 2021: गोवा की आजादी में शामिल वीरों का सम्मान, पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

15 अगस्त 1947 को भारत तो आजाद हो गया, लेकिन गोवा आजादी के कई सालों बाद तक भारत का हिस्सा नहीं बना था. भारतीय सेना ने आखिरकार ऑपरेशन विजय अभियान चलाकर 450 साल की गुलामी झेल रहे गोवा को पुर्तगालियों के चंगुल से आजाद कराया. 450 साल तक पुर्तगाली राज के बाद 1961 में एक नए गोवा का जन्म हुआ.

Goa Liberation Day 2021 Goa Liberation Day 2021
हाइलाइट्स
  • मुक्ति महोत्सव पर हुआ कई कार्यक्रमों का आयोजन

  • भव्य सेल परेड और फ्लाई पास्ट का हुआ आयोजन

  • अनेकता में एकता का दिया गया संदेश

गोवा की आजादी की आज 60 वीं वर्षगांठ है. इस मौके पर पणजी में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गोवा मुक्ति महोत्सव में शिरकत करने गोवा पहुंचे. पीएम ने इस मौके पर ऑपरेशन विजय में शामिल होने वाले भारतीय वीरों को सम्मानित किया. साथ ही पीएम मोदी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा इस खास मौके पर पीएम ने गोवा में कई परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया.

मुक्ति महोत्सव पर हुआ कई कार्यक्रमों का आयोजन
सबसे पहले पीएम ने आजाद मैदान में शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. गोवा की आजादी में हिस्सा लेने वाले शहीदों को याद किया गया. पीएम मोदी ने शहीदों को सलामी दी. इसके बाद मीरामार बीच पर गोवा मुक्ति दिवस के अवसर पर भव्य सेल परेड और फ्लाई पास्ट का आयोजन किया गया. प्रधानमंत्री ने सेल परेड और फ्लाईपास्ट में हिस्सा लिया. गोवा में इस तरह का आयोजन पहली बार किया गया है. 

अनेकता में एकता का दिया गया संदेश
भारतीय नौसेना की तरफ से आयोजित सेल परेड का नजारा हर कोई अपने कैमरे में कैद कर लेना चाहता था. सेल परेड में कई तरह के करतब दिखाए गए. बारह इंडियन नेवी शिप ने इस परेड में हिस्सा लिया. इसके बाद पीएम मोदी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में आयोजित गोवा मुक्ति दिवस समारोह में शिरकत करने पहुंचे. काफी संख्या में आम लोग भी इस समारोह में शामिल हुए. समारोह की शुरुआत रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ. जिसके जरिये एक अनेकता में एकता का संदेश दिया गया.

गोवा को कैसे मिली मुक्ति
15 अगस्त 1947 को भारत तो आजाद हो गया, लेकिन गोवा आजादी के कई सालों बाद तक भारत का हिस्सा नहीं बना था. भारतीय सेना ने आखिरकार ऑपरेशन विजय अभियान चलाकर 450 साल की गुलामी झेल रहे गोवा को पुर्तगालियों के चंगुल से आजाद कराया. 450 साल तक पुर्तगाली राज के बाद 1961 में एक नए गोवा का जन्म हुआ. जो विदेशी हुकूमत से आजाद था. सरदार पटेल ने जिस भारत को एक सूत्र में पिरोया था. जिस अखंड और शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण किया था. गोवा अब इसका नया सदस्य था. 19 दिसंबर 1961 को कुछ ही घंटों की जंग में पुर्तगालियों को भारत के सामने झुकना पड़ा. पुर्तगालियों ने सरेंडर किया और गोवा को गुलामी से मुक्ति मिली.

केंद्र शासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का सफर
30 मई को गोवा अपना स्थापना दिवस मनाता है क्योंकि इसी दिन 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था. लेकिन 19 दिसंबर को गोवा में मुक्ति दिवस मनाया जाता है, क्योंकि 19 दिसंबर, 1961 को गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया. पहले गोवा केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया और फिर इसे राज्य बना दिया गया. 20 दिसंबर, 1962 को दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने. गोवा के महाराष्ट्र में विलय की भी बात चली, क्योंकि गोवा महाराष्ट्र के पड़ोस में ही स्थित था. 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ और गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया.
 

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