देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है. ये अच्छी खबर बारिश को लेकर है जो इस साल अच्छी होने का अनुमान है. मौसम विभाग ने इस साल मानसून के सामान्य रहने का अनुमान जताया है. अगर बारिश सामान्य रहती है तो देश में अनाज की पैदावार अच्छी होगी और महंगाई से राहत मिल सकती है.
बारिश के पानी पर निर्भर करती है 70% सिंचाई
देश में 70% से ज्यादा किसान अब भी सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर ही निर्भर रहते हैं. इससे पहले मौसम का अनुमान लगाने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने देश में सामान्य से कम बारिश का अनुमान जताया था. स्काईमेट के मुताबिक, देश के उत्तरी और मध्य क्षेत्र में कम बारिश होने की सबसे ज्यादा संभावना है. लेकिन मौसम विभाग ने बताया कि इस साल देश में LPA यानी लॉन्ग पीरियड एवरेज की 96% बारिश हो सकती है.
क्या होती है सामान्य बारिश?
तय मानकों के मुताबिक, अगर 90 से 95% के बीच बारिश होती है तो इसे सामान्य से कम कहा जाता है और 96% से 104% बारिश हो तो इसे सामान्य कहा जाता है. अगर 104% से 110% के बीच बारिश होती है तो उसे सामान्य से ज्यादा कहते हैं. और 110% से ज्यादा होने पर अत्यधिक बारिश जबकि 90% से कम बारिश को सूखा पड़ना कहते हैं. देश में 1 जून से मानसून की बारिश पहुंचती है, यही वो समय होता है जब किसान फसलों की बुआई शुरू करते हैं जो अगस्त तक जारी रहती है.
मई में आएगा अगला मानसून अपडेट
मौसम विभाग ने बताया कि मानसून पर अगला अपडेट मई के आखिरी सप्ताह में जारी किया जाएगा. इसके साथ ही ये भी कहा कि इस साल मानसून सीजन के दूसरे हाफ में अल-नीनो का असर दिख सकता है. अल-नीनो का प्रभाव 10 साल में दो बार देखने को मिलता है, इस स्थिति में समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाता है. अल-नीनो के प्रभाव से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है. भारत में अल-नीनो के कारण मानसून अक्सर कमजोर हो जाता है, जिससे कई इलाकों में सूखे की स्थिति बन जाती है.