भारत के सिंध भक्तों के लिए खुशखबरी है, जल्द ही सिंध में गुरुद्वारों में जाने की अनुमति मिल सकती है. जी हां, पाकिस्तान की सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) ने उम्मीद जताई कि भारत के सिख भक्तों को निकट भविष्य में सिंध में गुरुद्वारों में जाने की अनुमति दी जाएगी. दरअसल, 74 साल पुराने ऐतिहासिक गुरुद्वारे का पुनर्निर्माण लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो गया है.
ये गुरुद्वारा 1947 से अवैध कब्जे में रहा है. सिख समुदाय के लोग लगभग 11 साल पहले अवैध कब्जे को हटाने में कामयाब रहे थे और गुरु ग्रंथ साहिब जी को फिर से स्थापित किया गया था. वह बहुत पुरानी इमारत थी. अब इवोक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) से अनुमति लेकर नए भवन का निर्माण जा रहा है.
अकाल तख्त के जत्थेदार अगले साल करेंगे उद्घाटन
अगले साल फरवरी में, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के शिकारपुर में गुरुद्वारा सचखंड फेली पटशाही के पुनर्निर्मित नए भवन के उद्घाटन के लिए पाकिस्तान के सिंध पहुंचने की उम्मीद है. गुरुद्वारा भवन का निर्माण शुरू में महाराजा रणजीत सिंह ने लगभग 200 साल पहले पहले सिख गुरु नानक देव की याद में करवाया था.
करीब 90 प्रतिशत कार्य हो चुका है पूरा
सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव विकास सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि गुरुद्वारे का नवीनीकरण किया गया है. करीब 90 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इस गुरुद्वारे का निर्माण श्री गुरु नानक देव जी की याद में किया गया था, जब वे दुनिया की यात्रा कर रहे थे.
विकास कहते हैं, “अब तक, निर्माण पर 2 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) द्वारा लगभग 20 लाख रुपये दिए गए हैं और इतनी ही राशि पीएसजीपीसी द्वारा भुगतान की गई है. इसके अलावा सिखों ने भवन निर्माण के लिए व्यक्तिगत योगदान भी दिया है.”
भारत के सिख भक्तों को दी जाये अनुमति
महासचिव विकास सिंह कहते हैं, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस गुरुद्वारे का नवीनीकरण भारत के सिख भक्तों को सिंध में सिख गुरुद्वारों की यात्रा करने की अनुमति देने में एक बड़ा कदम होगा. हमने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से अनुरोध किया है कि सिखों को पाकिस्तान में गुरुद्वारों में जाने की अनुमति दी जाए.”
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