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Google Doodle: कौन थीं यूनिस न्यूटन फूटे जिनको गूगल ने डूडल बनाकर किया याद...Green House Effect को भांपने वाली पहली महिला थीं फूटे

वूमेन राइट एक्टिविस्ट Eunice Newton Foote की 204वीं जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने सबसे पहले ग्रीन हाउस के कंसेप्ट को समझाया था. फूटे का जन्म 1819 में कनेक्टिकट में हुआ था. उन्होंने ट्रॉय फीमेल सेमिनरी नामक एक स्कूल में पढ़ाई की थी.

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गूगल ने सोमवार को अमेरिकी वैज्ञानिक और वूमेन राइट एक्टिविस्ट Eunice Newton Foote की 204वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. यूनिस ने सबसे पहले ग्रीनहाउस प्रभाव (Green House Effect)और ग्लोबल वार्मिंग पर इसके प्रभाव की पहचान की थी. उनकी इस उपलब्धि को सेलिब्रेट करने के लिए Google ने आज Doodle बनाकर उन्हें याद किया. उनकी विरासत का जश्न मनाते हुए, Google ने 11 स्लाइडों के साथ एक इंटरैक्टिव डूडल बनाया, जिसमें उनकी उपलब्धियों के माध्यम से ग्रीनहाउस प्रभाव के कंसेप्ट को समझाया गया. उनका यह योगदान हमारी पृथ्वी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.

क्या है ग्रीन हाउस इफेक्ट? 
बचपन से किताबों में हम ग्रीन हाउस इफेक्ट के बारे में पढ़ते और सुनते आ रहे हैं. इसका मतलब है जलवाष्प, कार्बन-डाइऑक्साइड, मीथेन और अन्य कुछ गैंसे धरती के वातावरण पर बुरा प्रभाव डालती हैं, जिससे ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है. ग्रीनहाउस इफेक्ट तब बनता है जब पृथ्वी की सतह पर सूर्य की गर्मी बनी रहती है. गैसों के कारण यह गर्मी अंतरिक्ष की ओर नहीं जा पाती है. इसी वजह से हमारी धरती गर्म रहती है जो इंसानों के लिए खतरा है. इस खतरे को सबसे पहले Eunice Newton को जाता है.

कैसे जागा साइंस में इंटरेस्ट
फूटे का जन्म 1819 में कनेक्टिकट में हुआ था. उन्होंने ट्रॉय फीमेल सेमिनरी नामक एक स्कूल में पढ़ाई की, जो छात्रों को साइंस क्लासेज में भाग लेने और प्रयोगों के लिए रसायन विज्ञान प्रयोगशालाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता था. तब से विज्ञान में फूटे का इंटरेस्ट जाग गया. उन्होंने साल 1856 में एक प्रयोग किया जिसने आज जलवायु परिवर्तन की समझ को आकार दिया. इस प्रयोग में अलग-अलग तरह की गैसों को सिलेंडरों में रखना और अवलोकन के लिए उन सभी को सूर्य के प्रकाश में उजागर करना शामिल है.

इसके बाद फूटे ने देखा कि कार्बन डाइऑक्साइड अन्य गैसों की तुलना में अधिक गर्म हो गई है. फिर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि कार्बन डाइऑक्साइड अकेले पृथ्वी के तापमान को बदलने की क्षमता रखती है क्योंकि इसका पृथ्वी पर सबसे अधिक ताप प्रभाव है. इसलिए, वह कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर और वायुमंडल के गर्म होने के बीच संबंध की खोज करने वाली पहली वैज्ञानिक बन गईं.वायुमंडलीय स्टैटिक बिजली पर उनका दूसरा अध्ययन जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस में प्रकाशित हुआ था. इसके साथ, वह संयुक्त राज्य अमेरिका में दो भौतिकी अध्ययन प्रस्तुत करने वाली पहली महिला वैज्ञानिक बन गईं. दो अध्ययनों को प्रकाशित करने के बाद, फूटे का काम अमेरिकन एसोसिएशन फ़ॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ साइंस की वार्षिक बैठक में एक पुरुष वैज्ञानिक द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसके परिणामस्वरूप एक प्रयोग हुआ जिसने 'ग्रीनहाउस प्रभाव' की समझ और अर्थ की खोज की.

महिलाओं के लिए रहीं समर्पित
इसके अलावा, फूटे ने अपने पूरे जीवन में महिलाओं के अधिकारों के लिए प्रचार करने में भी समय बिताया. उन्होंने 1848 में सेनेका फॉल्स में पहले महिला अधिकार सम्मेलन में भाग लिया. वह Declaration of Sentiments पर  हस्ताक्षर करने वाली पहली हस्ताक्षरकर्ता बनीं. यह एक दस्तावेज है जो महिलाओं के लिए सामाजिक और कानूनी स्थिति में समानता की मांग करता है.