Google ने शुक्रवार को मलयालम सिनेमा की पहली महिला अभिनेत्री पीके रोज़ी की 120वीं जयंती के मौके पर उन्हें एक डूडल समर्पित किया. इस डूडल को गुलाब के फूलों और फिल्म की रील से सजाया गया है. पी के रोजी किसी फिल्म में लीड रोल निभाने वाली पहली एक्ट्रेस थीं.
कौन थीं पीके रोजी?
रोज़ी का जन्म 1903 में केरल के तिरुवनंतपुरम में हुआ था.वह दलित ईसाइयों के समुदाय से थीं. उसके माता-पिता दिहाड़ी मजदूर थे और रोजी खुद आजीविका के लिए घास काटने जैसे काम करती थीं. रोज़ी को कम उम्र में ही अभिनय का शौक लग गया था. 1928 में फिल्म 'विगाथाकुमारन' (द लॉस्ट चाइल्ड) में फीमेल लीड प्ले करने के बाद उनकी प्रतिभा उभरकर सामने आई. फिल्म में उन्होंने एक अपर-कास्ट महिला का किरदार निभाया था. फिल्म के एक सीन में मेल लीड अभिनेत्री के बालों में लगे फूल को चूमता है. इस सीन पर काफी ज्यादा बवाल हुआ था. बता दें कि के रोजी एक दलित महिला थीं. इसकी वजह से रोज़ी को राज्य छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. ऐसा कहा जाता है कि वह एक लॉरी में तमिलनाडु भाग गई थीं. उन्होंने उसी लॉरी ड्राइवर से शादी कर ली थी और 'राजम्मा' के रूप में बस गईं.
तोड़ी कई बाधाएं
रोजी कक्करिसी नाटकों में भी एक शानदार अभिनेत्री थी जोकि केरल में एक प्रकार का लोक रंगमंच है जो तमिल और मलयालम दोनों को मिश्रित करता है. रोज़ी ने कई बाधाओं को तोड़ा, विशेष रूप से उस समय महिलाओं के लिए प्रदर्शन कला को प्रोत्साहित नहीं किया जाता था. मलयालम सिनेमा में 2013 में पृथ्वी राज-स्टारर 'सेल्युलाइड' 'विगाथाकुमारन' के निर्देशक जे सी डेनियल और फिल्म के निर्माण में रोजी की भूमिका पर आधारित है.