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केंद्र ने कोरोना के कारण जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिवारों को दी 6.15 करोड़ रुपये की सहायता की मंजूरी

केंद्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि कोविड -19 महामारी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले 123 पत्रकारों के परिवारों को वित्तीय सहायता के रूप में 6.15 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने राज्यसभा में सवालों के जवाब में यह भी कहा कि महिला पत्रकारों के ऑनलाइन उत्पीड़न के खिलाफ उचित कार्रवाई करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है.

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हाइलाइट्स
  • सहायता देने के लिए चलाया विशेष अभियान

  • जेडब्ल्यूएस के तहत कई परिवारों को पहुंचाई मदद

केंद्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि कोविड -19 महामारी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले 123 पत्रकारों के परिवारों को वित्तीय सहायता के रूप में 6.15 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने राज्यसभा में सवालों के जवाब में यह भी कहा कि महिला पत्रकारों के ऑनलाइन उत्पीड़न के खिलाफ उचित कार्रवाई करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. राज्यमंत्री ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में इस बात की जानकारी दी. 

सहायता देने के लिए चलाया विशेष अभियान
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार ने कोविड -19 के शिकार पत्रकारों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया था. उन्होंने कहा,“हमें 123 पत्रकारों के प्रस्ताव मिले. सभी 123 प्रस्तावों को हमने स्वीकार कर लिया है और हमने संबंधित परिवारों को 6.15 करोड़ रुपये की राशि जारी की है.

जेडब्ल्यूएस के तहत कई परिवारों को पहुंचाई मदद
उन्होंने कहा, "पत्रकार कल्याण योजना (जेडब्ल्यूएस) के तहत निर्धारित मानदंडों को पूरा करने वाले प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा प्राप्त आवेदनों के आधार पर वित्तीय सहायता के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान 6.15 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. कोरोना महामारी के कारण मरने वाले 123 पत्रकारों के परिवारों को प्रति परिवार 5,00,000 रुपये दिए जाएंगे.”उन्होंने बताया कि 2017 से अब तक 247 मामलों में जेडब्ल्यूएस के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की गई है.

उन्होंने बताया, 2017-18 के दौरान इस योजना के तहत 39.38 लाख रुपये, जबकि 2018-19 में 99.99 लाख रुपये, 2019-20 में 115.25 लाख रुपये, 2020-21 में 260 लाख रुपये और 2021-22 में (जनवरी 2022 तक) 606.51 लाख रुपये मंजूर किए गए थे.