देश भर में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते लोग अब सीएनजी वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं. अब इसको एक नया मोड़ देते हुए भारत सरकार ने सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रो फिटमेंट के लिए संशोधन की अनुमति दी गई है. यह संशोधन 3.5 टन से कम वजन वाले BS6 डीजल और पेट्रोल इंजनों को सीएनजी और एलपीजी इंजन से बदलने के लिए किया जाएगा.
पेट्रोल और डीजल की तुलना में कम हानिकारक है सीएनजी
सरकार ने अपनी घोषणा में रेट्रोफिटिंग के लिए जरूरी आवश्यकताओं को रेखांकित किया है. इसमें बताया गया है कि पेट्रोल और डीजल इंजन की तुलना में सीएनजी पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है. ये कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, पार्टिकुलेट मैटर और धुएं के उत्सर्जन को कम करता है. बता दें कि अब तक केवल BS4 उत्सर्जन मानदंडों के तहत मोटर वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रो फिटमेंट की अनुमति है.
पुरानी गाड़ियों की आरसी रद्द करने के बाद आया ये फैसला
दिल्ली में 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल गाड़ियों और दस साल से ज्यादा पुराने डीजल गाड़ियों पर इलेक्ट्रिक किट के रेट्रो फिटमेंट की अनुमति दी गई थी. यह निर्णय तब लिया गया है जब सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए सभी पुराने गाड़ियों की आरसी रद्द करने की घोषणा की थी. सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार रेट्रोफिटिंग को मंजूरी देना आज की मांग है. उसकी वजह ये है कि CNG कारें पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं. वहीं पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित होते हैं.
मांगे गए हैं हितधारकों से टिप्पणियां और सुझाव
इस ड्रॉफ्ट में तीस दिनों की अवधि के अंदर संबंधित हितधारकों से टिप्पणियां और सुझाव मांगे गए हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि डीजल और पेट्रोल पर चलने वाले मौजूदा वाहनों की जगह हरित ईंधन और बिजली से चलने वाले वाहन होंगे. बता दें कि उन्होंने हाल ही में यह भी कहा था कि अगर हम जैव ईंधन के साथ डीजल को प्रतिस्थापित नहीं करते हैं, तो देश का कच्चे तेल का आयात बिल अगले पांच वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.