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Punjab Government Schools: किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है ये सरकारी स्कूल, जर्जर दीवारें नहीं स्मार्ट क्लास के साथ पढ़ रहे बच्चे

पंजाब के सरकारी स्कूल किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं हैं. यहां के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास है. जिससे बच्चे सभी सब्जेक्ट स्मार्ट तरीके से पढ़ रहे हैं. बच्चों को पढाई के लिए अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी और गणित जैसे विषयों को सीखने के लिए बड़ी स्क्रीन और एडवांस ऑडियो सिस्टम भी लगाया गया है.

पंजाब सरकारी स्कूल (प्रतीकात्मक तस्वीर) पंजाब सरकारी स्कूल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • स्मार्ट क्लास से सीख रहे हैं बच्चे

  • स्कूल में छात्रों की संख्या में वृद्धि

जब भी आप सरकारी स्कूलों के बारे में सोचते होंगे तो आपके दिमाग में जो छवि उभरती है, एक ऐसी होती, जिसमें जर्जर दीवारें, मिट्टी की फर्श, गंदे शौचालय, टूटे फर्नीचर और एक आम सा ब्लैक बोर्ड होता है. लेकिन पटियाला जिले के सुराल कलां गांव का सरकारी स्कूल कुछ अलग ही है. देश में सरकारी स्कूलों की स्थिति में दिन-ब-दिन सुधार किया जा रहा है. देश में कई सरकारी स्कूल ऐसे भी हैं, जो सरकारी स्कूलों को भी टक्कर दे रहे हैं. इसी का उदाहरण पटियाला जिले के सुराल कलां गांव के सरकारी हाई स्कूल ने दिया है. सुराल कलां गांव में सरकारी हाई स्कूल शहर के कई सारे प्राइवेट शिक्षा संस्थानों को टक्कर दे रहा है.

स्मार्ट स्कूल में हुआ चेंज
माता-पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा दिलाने से हिचकिचाते हैं. चूंकि सरकारी स्कूलों की स्थिति अक्सर खराब ही मिलती है. लेकिन,पटियाला जिले के सुराल कलां गांव और  राजपुरा खंड के कुछ अन्य सरकारी हाई स्कूलों के साथ ऐसा नहीं है क्योंकि ये सरकारी हाई स्कूल शहर के कई निजी प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है. इन सरकारी हाई स्कूलों में हरे भरे लॉन और साफ सुथरे कक्षाओं के साथ अच्छी तरह से बनी बिल्डिंग है. 

स्मार्ट क्लास से सीख रहे हैं बच्चे
इसके साथ ही इन स्कूलों में बच्चों को पढाई के लिए अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी और गणित जैसे विषयों को सीखने के लिए बड़ी स्क्रीन और एडवांस ऑडियो सिस्टम भी लगाया गया है. इन डिजिटल स्क्रीनों की मदद से बच्चों को पढ़ाई में आसानी होती है. यहीं सिस्टम प्राइवेट शिक्षा संस्थानों ने भी अपने स्कूलों में लगाया हुआ है. पंजाब के सुराल कलां गांव के लोग अब अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करा रहे है. इस कामयाबी में पटियाला जिले की ग्राम पंचायतों का बहुत बड़ा हाथ है. इन सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदलने में इन लोगों ने बहुत मेहनत की है.

अभिभावक सरकारी स्कूलों में करवा रहे बच्चों का दाखिला
पटियाला क्षेत्र के जनसुआ गांव में भी सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में चेंज किया गया है. इसी तरह नालाश कलां और नालाश खुर्द गांवों के स्कूल भी निजी स्कूलों को चैलेंज दे रहे है. इन सरकारी स्कूलों में पिछले कुछ सालों से छात्रों की संख्या में बहुत अच्छे आंकड़ों में वृद्धि हुई है. मां-बाप अपने बच्चों का प्राइवेट स्कूलों के बजाए सरकारी स्कूल में दाखिला करा रहे है. क्योंकि यहां पर कम फीस में प्राइवेट स्कूल वाली फैसिलिटी मिल रही है. 

स्कूल में छात्रों की संख्या में वृद्धि
सुराल कलां गांव के सरकारी हाई स्कूल की प्रधानाचार्य परमजीत कौर ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुआ कहा कि हमारे स्कूल के पास सबसे अच्छी सुविधाएं हैं. जिस वजह से हमारे शिक्षा संस्थान में बहुत से बच्चे एडमिशन कराने के लिए आ रहे है और स्मार्ट क्लास की वजह से हमारे स्कूल से बच्चे पढ़ना चाहते हैं.