सरकार ने बुधवार को कहा कि वह चुनाव आयोग की सिफारिशों के आधार पर चुनावी प्रक्रिया में सुधार के लिए जरूरी संशोधन ला रही है. मतदाता सूची को बेहतर बनाने, मतदान प्रक्रिया को ज्यादा इंक्लूसिव बनाने, चुनाव आयोग को अधिक शक्ति देने और डुप्लिकेट्स को हटाने के लिए चार प्रमुख सुधार पेश किए जाएंगे.
आधार कार्ड को किया जाएगा वोटर आईडी से लिंक
पैन-आधार लिंकिंग की तरह अब आधार कार्ड को वोटर आईडी या इलेक्टोरल कार्ड से जोड़ने की अनुमति होगी. हालांकि इस बार यह स्वैच्छिक आधार पर, सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार के फैसले और प्रोपोर्शनैलिटी के परीक्षण के अनुसार किया जा रहा है. चुनाव आयोग के अनुसार, इसके द्वारा संचालित पायलट परियोजनाएं बहुत पॉजिटिव और सफल रही हैं. यह कदम रिपीटिशन को रोक कर और मतदाता सूची को बेहतर बनाएगा.
साल में चार बार रजिस्ट्रेशन करने का मिलेगा मौका
एक अन्य प्रस्ताव के जरिए वोटर्स लिस्ट में रजिस्ट्रेशन के लिए और अधिक अटेम्प्ट्स की अनुमति भी दी जाएगी. अगले साल 1 जनवरी से, पहली बार 18 साल के वोटर्स को चार अलग-अलग कट-ऑफ तारीखों के साथ साल में चार बार रजिस्ट्रेशन करने का मौका मिलेगा. ऐसा वे अब तक साल में एक बार ही कर पाते थे. चुनाव आयोग ने सर्विस ऑफिसर्स के लिए कानून को लिंग-तटस्थ बनाने का भी फैसला किया है, जिससे महिला सर्विस ऑफिसर्स के पति को भी वोट दे पाएंगे.
स्कूलों को कब्जे में लेने पर जताई गई थी आपत्तियां
इसने चुनाव आयोग को चुनाव के दौरान किसी भी चुनाव परिसर को संभालने के लिए आवश्यक सभी शक्तियां भी दी हैं. चुनाव की अवधि के दौरान स्कूलों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों को अपने कब्जे में लेने पर कुछ आपत्तियां जताई गई थीं. सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में इन प्रमुख चुनावी सुधारों को पेश करेगी.
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