पिछले यूपी विधानसभा चुनाव में आवारा पशुओं के झुंड द्वारा फसलों को नुकसान एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था. इसी को लेकर अब योगी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए हर दिन 10 आवारा गायों को आश्रय देना का लक्ष्य रखा है. यूपी राज्य के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने यह जानकारी दी. वर्तमान में राज्य में 8.55 लाख पशुओं को 6,222 घरों में आश्रय दिया गया है.
साथ ही इस साल अप्रैल से अब तक राज्य में 66,000 बेघर पशुओं का पुनर्वास किया जा चुका है. उनके अनुसार प्रखंड स्तर पर विशाल गौशालाएं बनाई जा रही हैं, जहां 400 पशुओं को रखा जा सकता है. उत्तर प्रदेश में ऐसे 225 शेल्टर हैं और इस साल के अंत तक इसे बढ़ाकर 280 करने की योजना है. उन्होंने कहा कि इसके तहत रोजाना कम से कम 10 गायों के पुनर्वास का लक्ष्य रखा गया है.
विधानसभा चुनाव में रहा था बड़ा मुद्दा
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के 2019 के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 11,84,494 आवारा मवेशी हैं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं. ये आवारा जानवर सड़कों पर आने-जाने वालों के लिए खतरा पैदा करने के अलावा फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. समस्या इतनी ज्यादा है कि हाल के विधानसभा चुनावों में विपक्ष ने इसे राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला करने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है.
महत्वपूर्ण रूप से, सरकार ने राज्य भर में 65 लाख हेक्टेयर चारागाह की पहचान की है, जिसमें से अधिकांश पर निजी खेती या अन्य गतिविधियों के लिए कब्जा कर लिया गया है. ऐसी जमीनों पर मवेशियों के लिए चारागाह बनाने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा, "राज्य में आवारा पशुओं के पुनर्वास का करीब 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है और बाकी इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा."
वहीं, स्थानीय प्रशासन की मदद से राज्य पशुपालन विभाग ने अप्रैल से अब तक 3,38,996.1 टन चारे की व्यवस्था की है. इसमें से 2,91,409.4 टन की खरीद की जा चुकी है और 47,604.3 टन दान के रूप में प्राप्त हुआ है.
कोई भी व्यक्ति अपने घर में रख सकता है आवारा पशु
विभाग ने एक योजना भी शुरू की है, जहां कोई व्यक्ति आवारा पशुओं को अपने घर या खेत में रख सकता है और उसे 30 रुपये प्रति पशु प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है, इस योजना के तहत कुल 1.38 लाख आवारा मवेशियों को आश्रय दिया गया है.
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