सरकारी डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) 9.2 फीसदी बढ़ेगा. बीते वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ( माइनस) - 7.3 फीसदी रहा था. नेशनल स्टैटिक्स ऑफिस(NSO) ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के 2021-22 में 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. मुख्य रूप से कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार के कारण यह बढ़ेगा.
2021-22 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए, एनएसओ ने कहा, "2021-22 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि 9.2 प्रतिशत होने का अनुमान है. इसमें कहा गया है कि मूल कीमतों पर वास्तविक जीवीए 2021-22 में 135.22 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2020-21 में 124.53 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 8.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विकास की उम्मीद
सांख्यिकी मंत्रालय के जीडीपी के इन आंकड़ों का इस्तेमाल बजट बनाने में बेस के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. इन आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में कृषि क्षेत्र 3.9 फीसदी के दर से ग्रोथ दिखाएगा जबकि 2020-21 में 3.6 फीसदी रहा था. वहीं मैन्युफैकचरिंग सेक्टर 12.5 फीसदी के दर से विकास करेगा
बता दें कि, भारत करीब 2.6 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. इसके बावजूद देश की जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी महज 17 प्रतिशत और विश्व के विनिर्माण आउटपुट में महज 2 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वहीं पड़ोसी देश चीन की वैश्विक विनिर्माण आउटपुट में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
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