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Abundance in Millets Song: ग्रैमी अवॉर्ड विनर फाल्गुनी शाह ने लिखवाई पीएम मोदी से स्पीच ताकि बना सकें मिलेट्स पर गाना

ग्रैमी अवॉर्ड विनर, फाल्गुनी शाह ने पीएम मोदी के सहयोग से मिलेट्स पर एक गीत लिखा है. जिसके लिए पीएम मोदी ने खुद फाल्गुनी को स्पीच लिखकर और रिकॉर्ड करके दी.

Abundance in Millets Abundance in Millets
हाइलाइट्स
  • किसानों को जागरूक करने का उद्देश्य

  • पीएम मोदी ने खुद लिखी स्पीच 

जब ग्रैमी विनर फाल्गुनी शाह अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं, तो मोदी ने उनसे "मिलेट्स पर एक गीत लिखने" के लिए कहा. अमेरिका की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान, मोदी ने आधिकारिक तौर पर 'Abundance in Millets' जारी किया. इस गीत के लिए पीएम मोदी ने भारतीय-अमेरिकी संगीतकार और गायक फाल्गुनी के साथ "सहयोग" किया था. 

फाल्गुनी को उनके स्टेज नाम फालू से जाना जाता है. साल 2022 में, फाल्गुनी ने सर्वश्रेष्ठ बच्चों के संगीत एल्बम श्रेणी में 'ए कलरफुल वर्ल्ड' के लिए ग्रैमी जीता था. 

किसानों को जागरूक करने का उद्देश्य  
फाल्गुनी ने न्यूयॉर्क से एक साक्षात्कार में टीओआई को बताया कि पीएम मोदी संगीत प्रेमी हैं. उनकी योजना संगीत के जरिए किसानों को मिलेट्स उगाने का संदेश देने की है. इससे दुनिया में भुखमरी को ख़त्म करने में मदद मिलेगी. वह इन दोनों चीजों को करने के लिए म्यूजिक को एक पावरहाउस के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं. 

संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (International Year of Millets) घोषित किया है. भारत ने यह प्रस्ताव रखा था जिसका संयुक्त राष्ट्र महासभा में 72 देशों ने समर्थन किया. पीएम ने इस गाने को लिखने में फाल्गुनी के साथ सहयोग किया है, जो हिंदी और अंग्रेजी का मिश्रण है. इसे फाल्गुनी और उनके पति गौरव ने गाया है. 

पीएम मोदी ने खुद लिखी स्पीच 
फाल्गुनी ने कहा कि इस गाने का आइडिया खुद पीएम मोदी का था. उन्होंने फाल्गुनी कहा, "मैं चाहता हूं कि आप मिलेट्स पर एक गीत लिखें. चूंकि आप एक ग्लोबल म्यूजिशियन हैं. इसलिए यह गीत उन किसानों तक पहुंचेगा जो छोटे गांवों में मिलेट्स उगाएंगे. कम बारिश वाली जगहों में छोटे किसानों को फायदा होगा. उपज का निर्यात किया जा सकता है और इससे भूख मिटाने में मदद मिलेगी." 

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रैमी पुरस्कार विजेता भारतीय-अमेरिकी गायिका फाल्गुनी शाह और उनके परिवार से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पीएम ने उन्हें मिलेट्स पर प्रकाशित एक किताब भेजी है जिसे केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पब्लिश किया. उन्होंने ज्वार, बाजरा, रागी, नाचनी पर भी अपना शोध किया. फाल्गुनी ने गीत लिखे और फिर मोदी से एक भाषण लिखने, उसे रिकॉर्ड करने और उन्हें भेजने के लिए कहा. 

किसी ने भी पीएम मोदी से कभी गीत लिखने के लिए नहीं कहा. लेकिन फाल्गुनी ने यह काम किया और पीएम मोदी ने भी उन्हें अपने लिखे हुए पांच अलग-अलग भाषण भेजे. उन्होंने वह स्पीच चुनी जो गीत के बोलों से सबसे अधिक मेल खाती हो. पूरे गाने को बनने में पांच महीने लगे. उन्होंने कहा कि जब पीएम ने गाना सुना तो उनकी प्रतिक्रिया शानदार थी. उन्हें यह सचमुच पसंद आया. 

कौन लिखता है पीएम के लिए स्पीच 
बात अगर पीएम मोदी की स्पीच की करें तो बताया जाता है कि पीएम मोदी के भाषण अलग-अलग माध्यमों से इनपुट लेकर लिखे जाते हैं. जिस तरह के समारोह या सम्मेलन में पीएम जाते हैं उसी सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स से इनपुट लिए जाते हैं. हालांकि, इस सभी इनपुट्स को इकट्ठा करने के बाद पीएम खुद अपने भाषण को अंतिम रूपरेखा देते हैं. 

दरअसल, 2021 में इंडिया टुडे ने एक आरटीआई फाइल करके इस बारे में पूछा था. जिस पर पीएमओ से जवाब मिला, "घटना की प्रकृति के आधार पर, विभिन्न व्यक्ति, अधिकारी, विभाग, संस्थाएं, संगठन आदि पीएम के भाषण के लिए इनपुट प्रदान करते हैं और भाषण को खुद पीएम द्वारा अंतिम रूप दिया जाता है."

जवाहरलाल नेहरू के समय से लेकर नरेंद्र मोदी तक, प्रधान मंत्री के प्रत्येक भाषण को पार्टी इकाइयों, मंत्रालयों, विषय विशेषज्ञ और उनकी अपनी निजी टीम जैसे विभिन्न स्रोतों से इनपुट मिलता है. जब वक्तृत्व कौशल की बात आती है, तो कई लोग नरेंद्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी की श्रेणी में मानते हैं.