ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक के 2100 फ्लैट खरीदारों के लिए गुड न्यूज है.प्रोजेक्ट में फंसे फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री का रास्ता निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं. सुपरटेक के चेयरमैन और आईआरपी हितेश गोयल ने अथॉरिटी के सामने एक प्लान दिया. इस तहत एस्क्रो के जरिए भुगतान किया जाएगा.
फ्लैट खरीदारों के लिए गुड न्यूज-
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों से सुपरटेक बिल्डर की अहम बैठक होने के बाद 4000 से ज्यादा फ्लैट खरीदारों को राहत मिलने की उम्मीद है. नोएडा ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक के 2100 फ्लैट्स की रजिस्ट्री संभव होने के असर बढ गए हैं. मंगलवार को सुपरटेक के चेयरमैन और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के ACEO Saumya Srivastava से इस संबंध में मुलाकात की. इस मीटिंग में आईआरपी हितेश गोयल और कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रदीप गोयल और होमबॉयर्स के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. मीटिंग में सुपरटेक की ओर से बताया गया कि ग्रेटर नोएडा में उनके प्रोजेक्ट में 2100 फ्लैट्स के ओसी (Occupation Certificate) हैं.
बिल्डर का क्या है प्लान-
इन 2100 खरीदारों के घरों की रजिस्ट्री के लिए अथॉरिटी को बिल्डर ने एक प्लान दिया है, जिसमें Greater Noida Authority के भूमि बकाया को एक एस्क्रो तंत्र (Escrow Mechanism) के तहत भुगतान किया जाएगा. सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने बताया कि अगर GNIDA इस प्रस्ताव को मान लेती है तो जल्दी ही होमबॉयर्स के घर की रजिस्ट्री संभव हो जाएगी. प्रस्ताव को प्रोजेक्ट वाइज किया जाएगा, जिसमें इको विलेज 1,2,3 और CZAR प्रोजेक्ट शामिल हैं.
क्या है एस्क्रो मैकेनिज्म-
एस्क्रो मैकेनिज़्म, एक वित्तीय समझौता है, जिसमें किसी लेन-देन में शामिल दो पक्षों के बीच एक तीसरा पक्ष मध्यस्थ के रूप में काम करता है. इस तीसरे पक्ष को एस्क्रो एजेंट या अधिकारी कहा जाता है. एस्क्रो एजेंट लेन-देन के अनुबंध की शर्तें पूरी होने तक, धन और परिसंपत्तियों पर नियंत्रण रखता है. जब सभी शर्तें पूरी हो जाती हैं, तभी एस्क्रो एजेंट धन को रिलीज़ करता है. एस्क्रो का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब किसी पक्ष को अतिरिक्त आश्वासन की जरूरत होती है कि दूसरा पक्ष अपने दायित्वों को पूरा करेगा. एस्क्रो मैकेनिज़्म से दोनों पक्षों को सुरक्षा मिलती है और लेन-देन आगे बढ़ सकता है.
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