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गुरुग्राम में टैक्सी ड्राइवर बना मसीहा, नवजात बच्चियों को तस्करी से बचाया, पुलिस करेगी सम्मानित

हाल ही में गुरुग्राम पुलिस ने दो महिलाओं और एक पुरुष को बच्चों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह नवजात बच्चों को चुराकर आगे बेचता था ताकि अच्छा पैसा कमा सकें. लेकिन एक टैक्सी ड्राइवर की सूझबूझ के कारण वे पकड़े गए और साथ ही उनके द्वारा चुराई गई दो बच्चियां भी सुरक्षित हैं. 

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हाइलाइट्स
  • फोन पर महिला की बातें सुनकर हुआ शक

  • टैक्सी ड्राइवर की सूझबूझ से बची दो बेटियां

हाल ही में गुरुग्राम पुलिस ने दो महिलाओं और एक पुरुष को बच्चों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह नवजात बच्चों को चुराकर आगे बेचता था ताकि अच्छा पैसा कमा सकें. लेकिन एक टैक्सी ड्राइवर की सूझबूझ के कारण वे पकड़े गए और साथ ही उनके द्वारा चुराई गई दो बच्चियां भी सुरक्षित हैं. 

दरअसल शनिवार को गुरुग्राम के नाथुपुर गांव के उमेश लोहिया (टैक्सी ड्राइवर) ने पुलिस को बताया कि वह धौला कुआं से लौट रह थे जब उन दो महिलाओं ने उन्हें रुकाया. उन महिलाओं की गोद में दो नवजात शिशु थे. जो मुश्किल से एक महीने के होंगे.

फोन पर महिला की बातें सुनकर हुआ शक: 

महिलाओं ने उमेश से उन्हें इफको चौक मेट्रो स्टेशन छोड़ने के लिए कहा. लेकिन कुछ देर के बाद उन्होंने कहा कि अगर उमेश उन्हें अलवर छोड़ सकते हैं तो? जिस पर उमेश मान गए और कहा कि किराया कम से कम 3000 रुपये लगेगा.

पर उन लोगों ने कहा कि वे उमेश को किराये के 4000 रुपए भी दे देंगे. लेकिन कुछ समय बाद उमेश ने उनकी फोन पर बात सुनी. वे किसी से पैसे के लेन-देन की बात कर रहे थे. उनकी बातें सुनकर उमेश को लगा कि शायद ये लोग बच्चों को तस्कर करने वाले गिरोह का हिस्सा हैं.      

और फिर उन महिलाओं ने कहा कि उन्हें अलवर नहीं जाना है. इसलिए उमेश उन्हें गुरुग्राम ही छोड़ दें. लेकिन उमेश ने सूझबूझ दिखाई और उन्हें DLF PH-3 पुलिस स्टेशन लेकर पहुंच गए. 

टैक्सी ड्राइवर की सूझबूझ से बची दो बेटियां: 

उमेश ने तीनों को पुलिस के हवाले किया और वहां पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि ये तीनों एक तस्करी गिरोह का हिस्सा हैं. ये लोग अलग-अलग जगह से बच्चे चुराते हैं और आगे बेच देते हैं. अगर उमेश ने उस दिन चालाकी न दिखाई होती तो वे नवजात बच्चियां भी बेच दी गई होतीं.

बताया जा रहा है कि पुलिस कमिश्नर द्वारा ओला, उबर और प्राइवेट टैक्सी ड्राइवरों के साथ एक खास अभियान चलाया गया था. जिसमें इस तरह की तस्करी और अपराधों को रोकने के लिए सभी वाहन चालकों को सावधान रहने के लिए कहा गया था. 

और उमेश की सावधानी वाकई काम आई. गुरुग्राम पुलिस का कहना है कि गिरोह के मास्टरमाइंड का पता लगाने के लिए जांच चल रही है और जल्द ही उन पर शिकंजा कसा जायेगा. इसके अलावा उमेश लोहिया को सम्मानित करने की बात भी की जा रही है ताकि उनका मनोबल बढ़ाया जा सके.