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सिंधिया के जयविलास पैलेस में पहली बार मनाया गया दत्ताजी सिंधिया का बलिदान दिवस

भाजपा में आने के बाद सिंधिया खानदान को अपने पूर्वजों के बलिदान की याद आई है. सिंधिया के पूर्वज और मराठा शासकों के युद्ध की गाथाओं को जनता के समक्ष लाने की पहली कोशिश है. सिंधिया राजवंश के वीरयोद्धा दत्ताजी सिंधिया ने दिल्ली से लेकर लाहौर तक अपनी वीरता का लोहा मनवाया था और मुस्लिम आक्रांता अहमद शाह अब्दाली से युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए.ं

जयविलास पैलेस जयविलास पैलेस
हाइलाइट्स
  • महार्यमन सिंधिया के सलाहकार ने साधा निशाना

  • 'पुरानी कांग्रेस सरकारों ने इतिहास को दबाए रखा'

सिंधिया परिवार के स्वर्णिम रियासतकालीन इतिहास से देश अब तक अछूता रहा है, लेकिन अब सिंधिया के पूर्वज और मराठा शासकों के युद्ध की गाथाओं को जनता के समक्ष लाने की पहली कोशिश की जा रही है.

दिल्ली से लेकर लाहौर तक मनवाया था वीरता का लोहा
सिंधिया राजवंश के वीरयोद्धा दत्ताजी सिंधिया जिन्होंने दिल्ली से लेकर लाहौर तक अपनी वीरता का लोहा मनवाया और मुस्लिम आक्रांता अहमद शाह अब्दाली से युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए, ऐसे वीरों को इतिहास में जगह नहीं दी गई. मंगलवार को जयविलास पैलेस में दत्ता जी सिंधिया का बलिदान दिवस मनाया गया.

अरुणांश गोस्वामी ने बताया कि हिंदवी स्वराज के पैरोकार और मुगलों के कट्टर विरोधी सिंधिया राजवंश के संबंध में इतिहासकारों ने न्याय नहीं किया. जबकि सिंधिया राजवंश ने दिल्ली से लेकर लाहौर तक मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ तमाम युद्ध लड़े. सिंधिया के जयविलास पैलेस में पहली बार मनाए गए दत्ताजी सिंधिया के बलिदान दिवस के मौके पर शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.

सर्वेश पुरोहित की रिपोर्ट