बीजेपी के दिग्गज लीडर, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 73 साल के हो गए हैं. उनका जन्म आज के दिन यानी 10 जुलाई को 1951 में चंदौली के एक छोटे से गांव भाभोरा में हुआ था. राजनाथ सिंह को उनके व्यक्तित्व और स्वभाव के चलते सियासत का अजातशत्रु कहा जाता है. बीजेपी के दिग्गज लीडर 5 दशक से सियासत में सक्रिय हैं. राजनाथ सिंह को लेकर सियासी गलियारों में एक किस्सा फेमस है. कहा जाता है कि इमरजेंसी के दौर में जेल में एक बड़े लीडर ने राजनाथ सिंह को लेकर भविष्यवाणी की थी, जो आगे चलकर सच साबित हुई. चलिए उस भविष्यवाणी का पूरा किस्सा बताते हैं.
इमरजेंसी में जेल में हुई थी भविष्यवाणी-
1975 में इमरजेंसी के दौर में देशभर के बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया था. इसमें राजनाथ सिंह भी शामिल थे. उसी जेल में आरएसएस के बड़े लीडर राम प्रकाश गुप्त भी बंद थे. एक दिन जब राम प्रकाश गुप्त राजनाथ सिंह का हाथ देख रहे थे. उन्होंने कहा कि तुम एक दिन बहुत बड़े नेता बनोगे. जब राजनाथ सिंह ने सवाल पूछा- कितना बड़ा? इसपर राम प्रकाश गुप्त ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जितना बड़ा. इसके बाद राजनाथ सिंह हंस दिए और वहां से चले गए.
सच हुई भविष्यवाणी-
राजनाथ सिंह को लेकर आरएसएस के नेता ने जो भविष्यवाणी की थी, वो 24 साल बाद सच साबित हुई. साल 2000 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री वही राम प्रकाश गुप्त थे, जिन्होंने राजनाथ सिंह को लेकर भविष्यवाणी की थी. लेकिन सियासी पासा पलटा और उनकी जगह राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए.
कहा जाता है कि विरोधी भी राजनाथ सिंह के मुरीद रहते हैं. ऐसा ही एक किस्सा उनके सीएम बनने के समय का है. राजनाथ सिंह जब मुख्यमंत्री बने थे तो वो किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे. 6 महीने के भीतर किसी भी सदन का सदस्य बनना जरूरी था. ऐसा में उनके लिए कांग्रेस के सुरेंद्र नाथ अवस्थी ने अपनी सीट छोड़ दी. उपचुनाव हुए. बताया जाता है कि उपचुनाव में कई विरोधी उम्मीदवार भी राजनाथ सिंह के लिए रणनीति बनाते थे.
राजनाथ सिंह का सियासी करियर-
राजनाथ सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से फिजिक्स से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. उसके बाद उनको मिर्जापुर के केबी डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर नियुक्त किया गया. राजनाथ सिंह इमरजेंसी में जेल भी गए. उन्होंने साल 1977 में जनता पार्टी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. राजनाथ सिंह साल 1980 में बीजेपी में चले गए. 20 अक्तूबर 2000 को उनको यूपी के मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली. उनका कार्यकाल 2 साल से भी कम का रहा. इसके बाद केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में उनको कृषि मंत्री बनाया गया था. साल 2014 में मोदी सरकार में उनको गृहमंत्री बनाया गया था. जबकि साल 2019 और साल 2024 की केंद्र सरकार में उनको रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई.
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