भारतीय सेलिब्रिटी शेफ संजीव कपूर का नाम कौन नहीं जानता है. आज भी हर एक भारतीय घर में उनका नाम चर्चा में रहता है. पद्म श्री पुरस्कार विजेता, संजीव कपूर अब न सिर्फ एक शेफ हैं बल्कि बड़े उद्यमी भी हैं. शेफ संजीव कपूर आज अपना टीवी चैनल फूडफूड, प्रीमियम कुकवेयर और उपकरण ब्रांड वंडरशेफ और नौ देशों में विभिन्न ब्रांडों के तहत 65 रेस्तरां चला रहे हैं.
संजीव कपूर का जन्म 10 अप्रैल 1964 को अंबाला, पंजाब (अब हरियाणा), भारत में हुआ था. उनके पिता एक बैंकर थे तो मां एक गृहिणी. 1980 के दशक में, कपूर के पास कोई भी 'सामान्य' पेशा जैसे इंजीनियर या डॉक्टर चुनने का विकल्प था. लेकिन संजीव की हर किसी से कुछ अलग करने की ललक उन्हें कुकिंग में ले गई और धीरे-धीरे यह उनका पैशन बन गया.
यह कहानी एक साधारण से लड़के की जो भारत का सबसे चहेता और कामयाब सेलिब्रेटी शेफ बना.
आर्किटेक्चर की जगह चुना होटल मैनेजमेंट
फोर्ब्स इंडिया के मुताबिक, साल 1981 में दिल्ली के स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर में दाखिला मिलने के बावजूद, कपूर ने होटल प्रबंधन संस्थान (पूसा) में पढ़ने का फैसला किया. उन्होंने होटल मैनेजमेंट में डिग्री की और उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि इस कारण बहुत से लोग उन पर हंसते थे. क्योंकि उस जमाने में यह सामान्य नहीं था. लेकिन कपूर का कहना है कि उन दिनों कोई कुक नहीं था और वह कुछ ऐसा प्रयास करना चाहते थे जो उनके परिवार या दोस्तों में किसी ने नहीं सोचा हो.
लेकिन होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद भी कुकिंग उनके रडार पर नहीं थी. न ही उन्हें खास पकाने का शौक था लेकिन रसोई को चुनने का एकमात्र कारण यह था कि क्लास में उनके बाकी सहपाठियों ने फ्रंट डेस्क को चुना था. वह अपने साथियों से अलग करने की कोशिश में इस कदर खो गए कि उन्हें रसोई रास आने लगी. उनकी कुछ अलग करने का चाह ने उनके अंदर कुकिंग का पैशन जगा दिया.
कम उम्र में हासिल कीं बड़ी कामयाबी
कपूर 28 साल की उम्र में मुंबई के सेंटॉर होटल के एग्जीक्यूटिव शेफ बनने में कामयाब रहे. यह एक ऐसा पद जो शेफ आमतौर पर 30 साल की उम्र तक हासिल कर पाते हैं. लेकिन वह बहुत जल्द करियर में टॉप पर पहुंच गए. इसके बाद वह कुछ अलग करना चाहते थे. उन्होंने फोर्ब्स को बताया कि टेलीविजन भी उन्हें किस्मत से मिला.
कपूर का टेलीविज़न कार्यकाल तब शुरू हुआ जब ज़ी टीवी ने 1992 में चैनल के लिए एक कुकरी शो करने के लिए उनसे संपर्क किया. चैनल ने और भी कई लोगों से संपर्क किया था लेकिन शो कपूर को मिला. बताया जाता है कि उस शो का नाम शुरू में श्रीमान बावर्ची थी लेकिन कपूर को यह नाम पसंद नहीं था. बाद में, काफी सोच-विचार के बाद इस बदलकर खाना खजाना कर दिया गया. इस नाम का सूझाव कपूर ने ही दिया था.
एशिया का सबसे लंबा चलने वाला शो
खाना खजाना एक घंटे का शो था, जो शुरू में सप्ताह में एक बार प्रसारित होता था, और संजीव कपूर इसमें लोगों को देशी-विदेशी व्यंजनों को बनाने का सरल तरीका सिखाते थे. यह एशिया में टेलीविजन पर सबसे लंबे समय तक चलने वाला कुकरी शो बन गया और 500 मिलियन से अधिक दर्शकों को इसने आकर्षित किया. आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यह शो रिकॉर्ड 18 साल तक चला और 120 से अधिक देशों में प्रसारित किया गया.
इस टेलीविजन कुकरी शो से उनके रास्ते साल 2011 में अलग हुए. इसके बाद उन्होंने उन्होंने अपना 24 घंटे का फूड चैनल फूड फूड शुरू किया जो आज लाखों घरों तक पहुंचता है. इसके अलावा, कपूर सोडेक्सो इंडिया के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ रवि सक्सेना के साथ-साथ प्रीमियम कुकवेयर, उपकरणों और रसोई उपकरणों के एक ब्रांड Wonderchef भी चलाते हैं.
उनके नाम हैं और भी कई उपलब्धि
आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने लगभग 200 कुकबुक लिखी हैं. इसके अलावा, वह अचार, मिश्रित मसाले, रेडी-टू-कुक मिश्रण और स्वादिष्ट चटनी सहित कई खाद्य उत्पाद बेचते हैं, जिन्हें 2001 में संजीव कपूर के खजाना ब्रांड के तहत लॉन्च किया गया था, और वह खाना खजाना नामक एक प्रोडक्शन हाउस भी चलाते हैं जो उनके डिजिटल प्लेटफॉर्म और टेलीविज़न शो के लिए कंटेंट बनाता है.
कपूर ने साल 1998 में दुबई में अपना पहला रेस्तरां खजाना खोला. आज, वह छह ब्रांडों के तहत 65 रेस्तरां चलाते हैं, जो SK Restaurants के तहत आते हैं. इनमें द येलो चिली, सिग्नेचर बाय संजीव कपूर और हांगकांग शामिल हैं. कपूर ने कई पुरस्कार और सरकारी सलाहकार अनुबंध जीते हैं. यह पद्म श्री विजेता पीएम मोदी सहित कई बड़ी हस्तियों के लिए खाना पका चुका है.