जहां एक तरफ हर घर तिरंगा अभियान को लेकर सियासत हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ इस अभियान से गांव की महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. इस अभियान के जरिए केंद्र सरकार भोपाल से सटे गांवों में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. भोपाल से सटे ईंटखेड़ी गांव की ये तस्वीरें महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाती मालूम हो रही हैं.
दरअसल, इस अभियान में ईंटखेड़ी गांव की इन महिलाओं को कमाई के लिए एक नया जरिया मिला है. महिला स्व -सहायता समूह की करीब 450 महिलाएं ईंटखेड़ी गांव में झंडे बनाने के काम में जुटी हुई हैं. इन महिलाएं का लक्ष्य करीब तीन लाख झंडे तैयार करने का है. ईंटखेड़ी के ग्राम पंचायत भवन में रोजाना करीब पांच हजार झंडे बनाए जा रहे हैं.
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने अभियान के लिए तिरंगा बनाने का काम महिलाओं से ही करवाने का फैसला किया है. महिलाएं इस अभियान से जुड़ कर ना केवल गर्व का हसास कर रही हैं बल्कि इससे उनकी आमदनी भी हो रही है. महिलाएं इससे होने वाली आमदनी से बच्चों की स्कूल फीस तक भर रही हैं.
आपको बता दें कि पूरे मध्यप्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों को जिला पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका की तरफ से झंडे बनाने का काम दिया गया है. ईंटखेड़ी ग्राम पंचायत के सहायक सचिव समंदर सिंह शाक्य ने बताया कि ईंटखेड़ी ग्राम पंचायत भवन में करीब 350 महिलाएं तिरंगा झंडा बनाने के काम में जुटी हुई हैं. यह महिलाएं 2 लाख 58 हजार झंडे तैयार करेंगी. इन्हें जिला पंचायत को सौंपा जाएगा. यहां रोज 5 हजार झंडे बनाने का काम हो रहा है. महिलाओं को हर झंडे पर 50 पैसे से लेकर 3 रुपए तक दिये जा रहे है. यहां करीब 3 लाख झंडे बनाये जाएंगे
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा घरों पर तिरंगा लहराने का लक्ष्य रखा गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए अफसरों की बैठक भी की है.