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किसान ने अपनी भैंस के निधन पर की सत्रहवीं, गांव में किया भंडारा

आज हम आपको बता रहे हैं एक किसान की कहानी, जिनके अपनी भैंस के प्रति लगाव और स्नेह का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है. यह कहानी है हरियाणा के सोनीपत जिले में सोहटी गांव में रहने वाले किसान जय भगवान की. जिन्हें गांव में लोग लीलू के नाम से जानते हैं. लीलू को अपनी भैंस से इतना अधिक लगाव था कि वह उसे अपने परिवार का सदस्य मानते थे. वह अपनी भैंस को प्यार से भिंडी पुकारते थे. 

भिंडी भैंस की सत्रहवीं (तस्वीर: पवन राठी) भिंडी भैंस की सत्रहवीं (तस्वीर: पवन राठी)
हाइलाइट्स
  • भैंस को प्यार से पुकारते थे 'भिंडी'

  • बेटे से दो साल बड़ी थी भिंडी

कुत्ते-बिल्ली के प्रति लोगों के प्यार की कहानियां तो आपने बहुत सुनी होंगी. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं एक किसान की कहानी, जिनके अपनी भैंस के प्रति लगाव और स्नेह का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है. 

यह कहानी है हरियाणा के सोनीपत जिले में सोहटी गांव में रहने वाले किसान जय भगवान की. जिन्हें गांव में लोग लीलू के नाम से जानते हैं. लीलू को अपनी भैंस से इतना अधिक लगाव था कि वह उसे अपने परिवार का सदस्य मानते थे. वह अपनी भैंस को प्यार से भिंडी पुकारते थे. 

भैंस के निधन पर किया भंडारा: 

लेकिन इंसानों की ही तरह पशुओं के जीवन की भी समय सीमा होती है. और करीब 18 दिन पहले लीलू की प्यारी भैंस भिंडी का देहांत हो गया. अपनी प्यारी भैंस के निधन के बाद लीलू और उनके परिवार ने भैंस को अपनी ही जगह में दबाकर अंतिम विदाई दी. 

और मंगवार को सत्रहवीं के अवसर पर गांव में जलेबी व सब्जी पूरी का भंडारा किया गया. यह बहुत ही अनोखा है क्योंकि शायद ही इससे पहले किसी ने अपने मवेशी के निधन पर इस तरह से भंडारा किया हो. 

लगभग 23 सालों से साथ थी भिंडी: 

उनका कहना है कि उनके भाई की रिश्तेदारी लोवा माजरा से इस भैंस की मां को लेकर आए थे. कुछ समय बाद उसने एक कटिया को जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने भिंडी रखा. लीलू के परिवार के साथ भिंडी लगभग 23 साल रही है. 

बताया जाता है कि इस भैंस के भिंडी की तरह आकर्षक एवं सुंदर सींग थे. इसलिए नाम भिंडी रखा गया. उन्होंने कहा कि अगर कोई उनके परिवार की कुशल क्षेम पूछता था तो इस भैंस का भी हालचाल पूछते थे. क्योंकि उन्होंने इस भैंस को कभी बेचा नहीं और उनके बच्चों ने कई सालों तक इस भैंस का दूध पिया था. 

बेटे से भी दो साल बड़ी थी भिंडी: 

लीलू के बेटे अजय का जन्म भिंडी के जन्म के दो साल बाद हुआ था. अजय आज 21 साल के हैं और पिछले कई सालों से वह और उनका परिवार इसी भैंस का दूध पी रहे थे. इस भैंस ने अधिकतम 22 लीटर दूध दिया है. इस भैंस ने कई कटियां भी जन्मी, जो आज गांव के अलग-अलग परिवारों का पोषण कर रही हैं. 

(पवन राठी की रिपोर्ट)