हरियाणा के एक IPS अधिकारी, राकेश कुमार आर्य ने अपने अधिकार क्षेत्र में 25 गांवों को चुना है, जिन्हें वो योजना के तहत ड्रग्स मुक्त बनाना चाहते हैं. राकेश कुमार वर्तमान में हिसार रेंज के IGP के रूप में कार्यरत हैं.
आर्य ने कहा कि वो नशीले पदार्थों की पहचान करने से लेकर उनके इलाज के साथ-साथ नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ अभियान शुरू करने से लेकर सभी प्रयासों की निगरानी स्वयं करेंगे.
गांववालों से बातचीत करने के लिए खुद करेंगे दौरा
2003 बैच के आईपीएस अधिकारी ने कहा कि वह समय-समय पर अभियान के परिणाम की समीक्षा करने के लिए ग्रामीणों के साथ बातचीत करने के लिए इन गांवों का दौरा करेंगे. आर्य ने कहा, "ड्रग्स की सप्लाई चेन को तोड़ने के अलावा, हम इसकी मांग को भी जांचना चाहते हैं."आर्य ने बताया कि सबसे पहले अभियान के तहत हर जिले में पांच गांवों की पहचान की गई है जो नशे और हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. डीएसपी और एएसपी स्तर के अधिकारियों की देखरेख में हर जिले के लिए 5-6 पुलिसकर्मियों की एक समर्पित टीम बनाई जाएगी. महिला अधिकारी और अधिकारी जो मानवीय स्पर्श प्रदान कर सकते हैं, उन्हें टीम में शामिल किया गया है.
घर-घर जाकर सर्वे करेगी टीम
शुरुआत में टीम के सदस्य युवाओं सहित ग्रामीणों के साथ बैठकर ड्रग्स और हिंसा की समस्या पर चर्चा करेंगे. फिर एक ग्राम स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा जो संभावित नशा करने वालों की पहचान करने के लिए घर-घर जाकर सर्वे करेगी. समिति सभी विवरणों को नोट करेगी, जिसमें संबंधित व्यक्ति की उम्र, कब से वो ड्रग्स के आदी हुए, वे किस प्रकार की दवा लेते हैं, इसका स्रोत और परिवार की वित्तीय स्थिति सहित सभी विवरण नोट किए जाएंगे.
टीम बनाकर की जाएगी काउंसलिग
पुलिस की टीम आगे इस कमेटी के सहयोग से इन नशेड़ियों को नशे के जाल से बाहर निकालने के लिए उनकी काउंसलिंग और दवाओं की व्यवस्था करने का हर संभव प्रयास करेगी. इसके बाद इन्हें सेशन देने के लिए जिला सरकारी अस्पतालों के मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों को बुलाया जाएगा. साथ ही इन नशेड़ियों को कुछ रोजगार प्रदान करने की भी कोशिश की जाएगी ताकि वे अपने जीवन में व्यस्त रहें. वहीं दूसरी ओर नशे के धंधे में लिप्त पाए जाने वाले लोगों को इससे बाहर आने के लिए प्रेरित किया जाएगा. लाइन में नहीं आने वालों लोगों पर पुलिसकर्मी नजर रखेंगे और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
नशा छोड़ चुके युवाओं को किया जाएगा सम्मानित
युवाओं को नशे और हिंसा से दूर रहने के लिए प्रेरित करने के लिए आईजीपी कार्यालय के अधिकारी भी इन गांवों का दौरा करेंगे. साथ ही हर आयु वर्ग के लिए खेल आयोजनों के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. सूत्रों का कहना है कि ड्रग्स पर नुक्कड़ नाटक करने के लिए स्क्रिप्ट पहले ही तैयार की जा चुकी है. अभियान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले युवाओं और नशा छोड़ने वाले नशेड़ियों को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा.
समाज सेवा करने के लिए किया जाएगा प्रेरित
वहीं पूरी तरह से ठीक हो चुके नशेड़ियों को स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण या अन्य रूपों में समाज सेवा शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. युवाओं को पुलिस और सेना में भर्ती के बारे में अपडेट किया जाएगा. अभियान के तहत लोगों को केंद्र और राज्य सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा. परिणाम सुनिश्चित करने के बाद संबंधित गांव में "मेरा गांव, मेरा गौरव: नशा और हिंसा मुक्त गांव" लिखा हुआ एक बोर्ड लगाया जाएगा.