हिसार जिले के गांव मलापुर के ग्रामीण पृष्ठ भूमि से सबंध रखने वाले रोहताश खिलेरी बिश्नोई का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है. रोहताश को इस मौके पर प्रमाण पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया गया. 21 मार्च 2021 को रोहताश खिलेरी ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर पहुंचकर अपने भारत देश की आन-बान-शान तिरंगे झंडे को लहराया था.
इसके बाद, रोहताश खिलेरी 24 घंटे तक माउंट किलिमंजारो की शिखर पर ही रुके रहे.और 22 मार्च 2021 को रोहताश खिलेरी ने अपना अभियान पूरा किया. इसके बाद खिलेरी विश्व के माउंट किलिमंजारो के टॉप पर 24 घंटे रुकने वाले पहले इंसान बन गए. आपको बता दें कि माउंट किलिमंजारो अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी है, जो तंजानिया में स्थित है.
आगे और भी बड़ा है लक्ष्य
माउंट किलिमंजारो की ऊंचाई 5895 मीटर है. खिलेरी ने अपने अगले लक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि उनका मकसद दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के शिखर पर भारत देश का झंडा 24 घंटे लहराने का है. आज तक का माउंट एवरेस्ट पर रुकने का विश्व रिकॉर्ड 21 घंटे का है जो 1999 में बाबू चीरी शेरपा ने बनाया था. वह एक नेपाली पर्वतारोही थे.
माउंट एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है जो नेपाल और चाइना बॉर्डर पर स्थित है. जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है. उनकी माता बंसी देवी, पिता सुभाष चंद्र,छोटा भाई विकास खिलेरी ने इडिया बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज करने पर खुशी जताई है. परिजनों का कहना है कि रोहताश आगे भी कामयबाबी हासिल करेगा.
रोहताश ने बताया कि उनके गुरु अशोक शुक्ल पैरा कमांडो के मार्ग दर्शन से इस रास्ते पर चल कर उन्हें कामयाबी हासिल हुई है. इसी आधार पर रोहताश का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है.
बनाए हैं और भी कई रिकॉर्ड
रोहताश ने कई और रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. जिनमें शामिल हैं:
साथ ही, रोहताश खिलेरी माउंट एलब्रुश को समर और विंटर में फतेह करने वाले पहले भारतीय हैं.
(प्रवीन कुमार की रिपोर्ट)