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Prahari Yojna: अकेले रह रहे बुजुर्गों का ख्याल रखेंगे हरियाणा पुलिस के कर्मचारी, सरकार का नया एक्शन प्लान

हरियाणा सरकार ने राज्य के बुजुर्गों के लिए एक खास पहल- प्रहरी योजना शुरू की है. इस योजना के तहत हरियाणा पुलिस के कर्मचारी अकेले रह रहे बुजुर्गों का ध्यान रखेंगे और समय-समय पर उनसे मिलते रहेंगे.

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हरियाणा पुलिस का नारा है सेवा, सुरक्षा और सहयोग. इस नारे को सार्थक बनाने के लिए हरियाणा पुलिस लगातार काम कर रही है. खासकर बुजुर्गों को सुरक्षा के मद्देनजर हरियाणा पुलिस अब नया एक्शन प्लान बना रही है और बुजुर्गो के खिलाफ हो रहे अपराधो पर अंकुश लगाने का काम हरियाणा पुलिस के जवान अब और तत्परता से करेंगे. आपको बता दें कि इसके लिए हरियाणा पुलिस युद्ध स्तर पर तैयारी भी शुरू कर चुकी है और इसको अमलीजामा भी पहनाया जा रहा है.

शुरू की गई प्रहरी योजना
आपको बता दें कि हरियाणा में 80 वर्ष से ज्यादा आयु के बुजुर्गों के लिए संचालित ‘प्रहरी’ योजना के तहत 12 हजार 421 पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. सिपाही से लेकर उप निरीक्षक, गृह रक्षी (होम गार्ड) और विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) को प्रहरी और सहायक प्रहरी बनाया गया है जो हर 15 दिन में बुजुर्गों के घर जाकर उनका हाल पूछेंगे. प्रदेश में 80 साल से ज्यादा आयु के तीन लाख 30 हजार से ज्यादा बुजुर्ग हैं. इनमें से 3600 बुजुर्ग तो ऐसे हैं जो अकेले रह रहे हैं. 

‘प्रहरी’ योजना के तहत इन बुजुर्गों की कुशल क्षेम जानने के लिए सरकारी कर्मचारी उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे. यदि किसी बुजुर्ग को चिकित्सा सहायता, संपत्ति की सुरक्षा अथवा किसी अन्य मदद की जरूरत होगी तो संबंधित सरकारी विभाग के माध्यम से उसकी मदद की जाएगी. अगर कोई सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी भी प्रहरी योजना से जुड़ना चाहता है तो वह डायल 112 पर कॉल करके जुड़ सकता है. वहीं, अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल ‘वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम’ योजना के तहत सेवा आश्रमों में की जाएगी.

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बुजुर्गों ने की योजना की सराहना 
हरियाणा में कुछ बुजुर्गों से बात की गई तो उन्हें सरकार इस योजना को धरातल पर जरूर लागू करे. यह योजना अगर कागजों में सिमट कर रह गई तो कोई फायदा नहीं होगा. इस योजना से हरियाणा के बुजुर्गों का मान-सम्मान बना रहेगा, क्योंकि बहुत से बुजुर्गों के बच्चे उनको घर से निकाल देते हैं. उनके लिए यह एक सराहनीय कदम है और हरियाणा प्रदेश के हर जिले में बुजुर्गों के लिए एक अलग से आश्रम होना चाहिए. 

(पवन राठी की रिपोर्ट)