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1 जनवरी से इन राज्यों में केवल सीएनजी और ई-ऑटो का होगा रजिस्ट्रेशन, सरकार का जरूरी निर्देश

केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग ने प्रदूषण को लेकर बड़ा कदम उठाया है. इसके अनुसार अब उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को एक जनवरी से केवल सीएनजी और ई-ऑटो का पंजीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.

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केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों से केवल सीएनजी और ई-ऑटो का रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया है.सरकारी वायु गुणवत्ता पैनल ने भी तीनों राज्यों को 2026 के अंत तक एनसीआर में डीजल ऑटो को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए कहा है. 

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने बुधवार को एक आदेश जारी कर कहा कि एक जनवरी 2027 से एनसीआर में सिर्फ सीएनजी और ई-ऑटो चलाने का लक्ष्य रखा गया है. एनसीआर में दिल्ली, हरियाणा के 14 जिले, उत्तर प्रदेश के आठ जिले और राजस्थान के दो जिले शामिल हैं. दिल्ली ने 1998 में डीजल ऑटो रिक्शा के अपने बेड़े को सीएनजी में बदलने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया था. दिल्ली में फिलहाल डीजल से चलने वाले ऑटो का रजिस्ट्रेशन नहीं है.दिल्ली परिवहन विभाग ने  पिछले साल अक्टूबर में 4,261 ई-ऑटो के पंजीकरण के लिए एक योजना शुरू की थी.

कैसी है हवा?
दिल्ली में पिछले कई सालों से खासकर सर्दियों से पहले वायु प्रदूषण की समस्या देखी गई है. इस वजह से लोगों को सांस लेन में दिक्कत, आंखों में जलन आदि जैसी समस्याएं होती हैं. इस बीच, सर्दियों की शुरुआत और खराब हवा की गुणवत्ता का मतलब था कि राष्ट्रीय राजधानी कोहरे की परत में ढकी हुई दिखाई दे रही थी. लोधी रोड और अक्षरधाम क्षेत्र में धुंध देखने को मिल रही है. बुधवार, 20 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 332 दर्ज किया गया, जो आज सुबह सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के रिकॉर्ड के अनुसार 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है.

बता दें कि 0 से 100 तक का वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छा माना जाता है, जबकि 100 से 200 तक मध्यम, 200 से 300 तक खराब, 300 से 400 तक बहुत खराब और 400 से 500 या इससे ऊपर को गंभीर माना जाता है. 2027 के पहले दिन तक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सभी ऑटोरिक्शा संपीड़ित प्राकृतिक गैस या बिजली से चलेंगे.