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Hathras stampede: आसान नहीं है सूरजपाल उर्फ बाबा नारायण साकार हरि पर कार्रवाई! जानिए वजह...

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जब नारायण साकार हरि पर कार्रवाई के बाबत सवाल पूछा गया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली FIR के बाद अगर जांच में कुछ भी आगे आएगा तो उसे FIR में शामिल किया जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाबा नारायण साकार हरि पर कार्रवाई को लेकर कुछ नहीं कहा.

Narayan Sarkar Hari Narayan Sarkar Hari

हाथरस में सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि (Narayan Sakar Hari) के विशाल समागम के बाद हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बावजूद बाबा के खिलाफ सीधी कार्रवाई मुश्किल दिख रही है. वजह साफ है बाबा नारायण साकार हरि पर इस मामले में कोई नामजद FIR नहीं हुई है.  FIR में नाम नहीं होने और इस घटना के जिम्मेदार लोगों में भी मुख्य आरोपी के तौर पर बाबा का नाम नहीं होने से भी नारायण साकार हरि के खिलाफ मामला कमजोर होता दिख रहा है. यही नहीं पुलिस बाबा के खिलाफ कोई पुराना मामला भी नहीं ढूंढ पाई है.

साल 2000 में जेल भी जा चुका
पुलिस के सूत्रों के मुताबिक बाबा के ऊपर पुराने केस के जितने मामले मीडिया में बताए जा रहे हैं दरअसल उसमें से एक भी मामला सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि पर दर्ज नहीं है. सिर्फ साल 2000 में बाबा के ऊपर एक मृत लड़की को जिंदा करने की कोशिशों के लिए दो दिन तक उसकी लाश रखने का आरोप था, जिसमें बाबा को जेल भी हुई थी लेकिन वह केस अब खत्म हो चुका है. इस केस में फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है. इसके अलावा नारायण साकार हरि पर दूसरा कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है.

प्रथम दृष्टया सेवादारों की भूमिका सामने आ रही
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जब नारायण साकार हरि पर कार्रवाई के बाबत सवाल पूछा गया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली FIR के बाद अगर जांच में कुछ भी आगे आएगा तो उसे FIR में शामिल किया जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाबा नारायण साकार हरि पर कार्रवाई को लेकर कुछ नहीं कहा. अलीगढ़ रेंज के आईजी शलभ माथुर ने भी मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रथम दृष्टया सेवादारों की भूमिका सामने आ रही है इसलिए FIR में सिर्फ सेवादारों का नाम है.

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राहुल गांधी से लेकर जितने भी बड़े नेता हैं किसी ने बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग नहीं की है ना ही उनकी गिरफ्तारी का कोई दबाव सरकार के ऊपर बना हुआ है. ऐसे में सभी कार्रवाई बाबा के सेवादारों की तरफ होती दिखाई दे रही है और उसमें भी पकड़े गए सेवादार ज्यादातर एक जाति विशेष के हैं.

बाबा बेशक इस वक्त अंडरग्राउंड हो, बाबा की लोकेशन लोगों को ना मिल रही हो लेकिन बाबा के खिलाफ कोई सीधी कार्रवाई होती दिखाई भी नहीं दे रही. छह लोगों को जिन्हें गिरफ्तार किया गया है यह सब बाबा के सेवादार हैं लेकिन नारायण साकार हरि पर कोई आरोप या मामला अभी तक दर्ज नहीं हुआ है.

साकार हरि के भक्त सबसे ज्यादा जाटव और दलित
दरअसल सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के भक्त और समर्थक सबसे ज्यादा तादाद में जाटव और दलित बिरादरी में है. विधायक सांसद मंत्री अधिकारी से लेकर सेना और पैरा मिलिट्री के जवान तक बाबा के भक्तों में शुमार हैं. जाटव जो कि दलित बिरादरी की सबसे बड़ी जाति हैं वह बाबा के सबसे बड़े भक्तों में से एक हैं. सियासतदां उनके मंच की शोभा बढ़ाते रहे हैं और बिरादरी पर पकड़ के लिहाज से बाबा का प्रभाव बहुत ज्यादा माना जाता है. सरकार को इस बात का भी डर है कि उनके खिलाफ कार्रवाई से कहीं दलितों में गुस्सा और रोष न फैल जाए.

नारायण साकार हरि की हर महीने के पहले मंगल को होने वाली विशाल सत्संग में लाखों लोगों की भीड़ जुड़ती है और इसमें 90 फीसदी से ज्यादा दलित और अति पिछड़े बिरादरियां होती हैं. आगरा में जिन 17 लोगों की मौत हुई है, उसमें से अकेले 14 महिलाएं जाटव बिरादरी की हैं जबकि तीन मल्लाह बिरादरी की.

बाबा के भक्त और एक पूर्व आईपीएस ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि जिस तरीके से बाबा का प्रभाव है इसने दलितों में धर्मांतरण को भी रोका है यानी वो दलित जो बहुत तेजी से बौद्ध या ईसाइयत की तरफ झुक रहा था. इन इलाकों में बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग और प्रभाव की वजह से बाबा और उनके सत्संग से जुड़ा रहा है और धर्मांतरण से दूर रहा है, ऐसे में कोई भी सरकार और राजनीतिक दल कार्रवाई करने के पहले कई बार सोचेगी.