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Hathras stampede: न दान न दक्षिणा फिर भी करोड़ों के आश्रम में रहता है बाबा, काफिले में चलती हैं लग्जरी गाड़ियां

अपने प्रवचनों में सफेद थ्री पीस सूट-बूट और चश्मे में दिखने वाला साकार हरि असल जिंदगी में बेहद लग्जरी लाइफ जीता है. भोले बाबा उर्फ ​​नारायण साकार हरि मैनपुरी के बिछवा में करोड़ों के भव्य आश्रम में रहता है.

Hathras stampede Bhole Baba Hathras stampede Bhole Baba
हाइलाइट्स
  • साथ चलता है लग्जरी गाड़ियों का काफिला

  • दान दक्षिणा नहीं लेता बाबा

उत्तरप्रदेश के हाथरस में एक सत्संग के बाद हुई भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हैं. योगी सरकार ने हादसे की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाया है. वहीं भगदड़ हादसे के बाद से ही नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा अंडरग्राउंड है. इस मामले में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस ने मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख का इनाम घोषित किया है.

अपने प्रवचनों में सफेद थ्री पीस सूट-बूट और चश्मे में दिखने वाला साकार हरि असल जिंदगी में बेहद लग्जरी लाइफ जीता है. भोले बाबा उर्फ ​​नारायण साकार हरि मैनपुरी के बिछवा में करोड़ों के भव्य आश्रम में रहता है. 'प्रवास आश्रम' नाम की यह हवेली अलीगढ़-जीटी रोड पर 21 बीघे जमीन पर बनी है.  यह आश्रम करीब 3 साल पहले बना है.

साथ चलता है लग्जरी गाड़ियों का काफिला
इस लग्जरी मेंशन में 5 स्टार फैसिलिटीज और कारें रखने के लिए एक बड़ा गैराज भी है. यहां 6 बड़े कमरे हैं जिसमें बाबा अपनी पत्नी के साथ रहता है.  इस आश्रम में एंट्री के लिए परमिशन लेनी पड़ती है. आश्रम के अंदर-बाहर 80 सेवादार तैनात रहते हैं. बाबा के काफिले में हर समय 25 से 30 लग्जरी कारें रहती हैं. 

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दान में दी गई आश्रम के लिए जमीन
इंडिया टुडे की जांच में पता चला है कि आश्रम के लिए जमीन मैनपुरी के विनोद बाबू ने दान में दी थी. बाबा ने अपने आश्रम के गेट के बाहर 200 बड़े डोनर्स की लिस्ट लगाई है. इस लिस्ट में सबसे पहला नाम विनोद बाबू का है. इसके बाद 199 नाम ऐसे हैं जिन्होंने 2.5 लाख रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक की धनराशि दान की है. 

बाबा का करोड़ों का आश्रम
बाबा का करोड़ों का आश्रम

बाबा के पास उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में करोड़ों की संपत्ति है. इसके अलावा आश्रम के बाहर की जमीन को कथित तौर पर भोले बाबा ने गरीब ग्रामीणों से किराए पर लिया है. इसी जगह पर बाबा सत्संग आयोजित करता है.

फिलहाल आश्रम के बाहर पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं लेकिन बाबा आश्रम में नहीं है. पुलिस की एफआईआर में भी अभी तक भोले बाबा का नाम नहीं है. एफआईआर में 'मुख्य सेवादार' देव प्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों को आरोपी बनाया गया है. एफआईआर में कहा गया है कि सत्संग में 2.50 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे जबकि प्रशासन ने 80,000 लोगों की अनुमति दी थी.

हालांकि, अनुयायियों का दावा है कि बाबा कोई भी दान-दक्षिणा नहीं लेते हैं. अपने प्रवचनों में वो पाखंड का विरोध करते हैं. मानव सेवा को सबसे बड़ा मानने का संदेश देते हैं.

कैसे हुआ हाथरस हादसा

रिपोर्ट के मुताबिक हादसा भोले बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से हुआ. जैसे ही बाबा सत्संग के बाद निकले लोग उनके चरणों की घूल लेने के लिए दौड़ पड़े. भीड़ देखकर बाबा को निकालने के लिए सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की. मिट्टी भी गीली थी कीचड़ था. कई लोग फिसल गए. लोग एक दूसरे पर गिर पड़े. इसके बाद भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई. सत्संग के लिए जो परमिशन मांगी गई थी, उसमें 80 हजार लोगों के आने की बात कही गई थी लेकिन पहुंच गई 2.5 लाख लोगों की भीड़.