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लाल नहीं काला टमाटर देखा है आपने? ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने से लेकर शुगर कम करने में होगा फायदेमंद

बारामती कृषि विज्ञान केंद्र में रासायनिक खाद का इस्तेमाल ना करते हुए गोबर की खाद पर टमाटर की खेती की गई है. इसलिए काले टमाटर खेती पर रोग का प्रादुर्भाव बहुत ही काम आता है.

Black Tomato Black Tomato
हाइलाइट्स
  • काला टमाटर भी किया है तैयार

  • ब्लड प्रेशर करेगा कंट्रोल

खाने में अगर टमाटर का इस्तेमाल किया जाए तो खाना स्वादिष्ट और अच्छा बनता है. अब अगर यही टमाटर आपको लाल रंग का न मिले बल्कि काले रंग का मिले तो? महाराष्ट्र के बारामती में कृषि विकास ट्रस्ट के कृषि विज्ञान केंद्र ने काले टमाटर की खेती की है. यही नहीं, कृषी विज्ञान केंद्र ने देशी किस्म के टमाटर के बीज का संकलन करके टमाटर उगाए हैं. इसे कृषि प्रदर्शनी में दिखाया जा रहा है.

काला टमाटर भी किया है तैयार
दूसरी ओर, इस कृषि प्रदर्शनी में लगाए गए प्रदर्शनों में विभिन्न प्रकार की फसलों को प्रदर्शित किया जाएगा. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वदेशी किस्मों के संरक्षण पर जोर दिया गया है और इसके माध्यम से, टमाटर का जो लाल रंग हम अब तक देखते थे, वह गायब हो गया है. अब एक स्वदेशी किस्म का काला टमाटर भी तैयार किया गया है. इसके अलावा, कृषि प्रदर्शनी में देशी टमाटर की 29 से अधिक किस्में प्रदर्शित की गई हैं. जिन्होंने अब तक लाल टमाटर देखे हैं, वे काले टमाटर देखकर आश्चर्यचकित हो सकते हैं.

कैसा होता है काला टमाटर?
काला टमाटर दरअसल लाल टमाटर जैसा ही होता है. यह फल पकने पर काले रंग का हो जाता है. काले टमाटर में विटामिन सी, विटामिन ए, प्रोटीन, मिनरल्स और कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने से लेकर डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर कम करने में इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है.

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कैसा हुई काले टमाटर की पैदावार?
कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ संतोष करंजे ने बताया कि बारामती कृषि विज्ञान केंद्र में रासायनिक खाद का इस्तेमाल ना करते हुए गोबर की खाद पर टमाटर की खेती की गई है. इसलिए काले टमाटर खेती पर रोग का प्रादुर्भाव बहुत ही काम आता है. देसी किस्म होने की वजह से काले टमाटर में मिठास बहुत ही अच्छी है. प्रति एकड़ 40 से 50 टन का उत्पादन किसान भाइयों को मिलेगा.

टमाटर का भाव 10 रुपये प्रति किलो आएगा तब भी किसान भाइयों को एक एकड़ में 5 लाख रुपए का मुनाफा मिलेगा. साथ ही, लागत के लिए सिर्फ 50 हजार प्रति एकड़ खर्चा आएगा. खास बात है कि बारामती के कृषि विज्ञान केंद्र में टमाटर का पौधा 40 फिट तक बढ़ सकता है.

(वसंत प्रह्लाद मोरे की रिपोर्ट)