जीवन में हर एक व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार की दुर्बलता जरूर होती है. जैसे कोई बहुत तेजी से दौड़ नहीं पाता तो कोई ज्यादा भार नहीं उठा पाता है. कोई असाध्य रोग से पीड़ित रहता है तो कोई पढ़ी हुई चीजें भूल जाता है. ऐसे अनेकों उदाहरण और भी हैं. क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जिसे सब कुछ प्राप्त हो. अक्सर हम अपने जीवन एक दुर्बलता को जीवन का केंद्र मानकर जीते हैं. इस कारण हृदय में हमेशा ही दुख और असंतोष रहता है. दुर्बलता इंसान को जन्म से या संयोग से मिलती है, लेकिन उन दुर्बलता को इंसान का मन अपनी मर्यादा बना लेता है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी मेहनत से उस दुर्बलता को पराजित कर देते हैं. ये कहानी भी उन दो बहनों की है, जिन्होंने अपनी मेहनत से अपनी दुर्बलता को पराजित कर दिया.
दोनों बहनों के जुड़े हैं सिर
हैदराबाद के युसूफगुडा की रहने वाली दो बहनें वाणी और वीणा जुड़वां हैं. इन दोनों बहनों के सिर जुड़े हुए हैं. सभी बाधाओं को पार करते हुए, वाणी और वीणा ने इंटरमीडिएट की परीक्षा शानदार ढंग से पास की है. इंटरमीडिएट में इन दोनों ने मेन सब्जेक्ट अर्थशास्त्र, वाणिज्य और राजनीति विज्ञान था. इस दोनों ने अलग-अलग एग्जाम दिया था. अब रिजल्ट आने पर पता चला कि दोनों ने फर्स्ट डिवीजन से एग्जाम पास किया है.
बहनों ने किया एग्जाम में किया बेहतरीन प्रदर्शन
वाणी ने जहां 712 अंक हासिल किए, वहीं वीना ने 707 अंकों के साथ इंटरमीडिएट पास किया. गौरतलब है कि दोनों लड़कियों ने अंग्रेजी और तेलुगु विषयों में भी अच्छे अंक हासिल किए हैं. आदिवासी कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री सत्यवती राठौड़ ने दोनों लड़कियों को बधाई देते हुए वादा किया कि सरकार उनकी उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि, "वाणी और वीणा को हमेशा राज्य सरकार का समर्थन मिलता रहेगा."
ये दोनों बहनें चार्टेड अकाउंटेंट बनना चाहती हैं. उन दोनों के माता-पिता ने उन्हें छोड़ दिया है, अब ये बहनें एक संस्था में रहती हैं, जहां उन्हें जीवन भर एक-दूसरे के साथ ही रहना है.