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Women Empowerment on 75th Republic Day: मिलिए Kashmir में LoC की सुरक्षा कर रही महिला सीमा प्रहरियों से

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर आयोजित 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई. 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में देश ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल देखी. महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी भूमिकाएं निभा रही हैं.

Nari shakti Nari shakti
हाइलाइट्स
  • कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का प्रदर्शन

  • साहस का अद्भुत प्रदर्शन किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कर्तव्य पथ पर आयोजित 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में तिरंगा फहराया. इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई. गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर देश ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल देखी. देश की बेटियों ने मोटरसाइकिल पर डेयडेविल एक्ट कर शौर्य के साथ साहस का भी अद्भुत प्रदर्शन किया और इसके साथ ही ये साबित हो गया कि महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी भूमिकाएं निभा रही हैं.

सीमा पर तैनात रहती हैं बीएसएफ की स्पेशल महिला प्रहरी
कुछ साल पहले तक सेना और सुरक्षा बलों में महिलाओं की भूमिका न के बराबर थी लेकिन कुछ समय महिलाएं सुरक्षा बलों के साथ-साथ सेना का हिस्सा भी बन रही हैं. सीमा सुरक्षा बल को देश में फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस के तौर पर माना जाता है. जो देश की सरहदों की हिफाजत के लिए तैनात है. साल 2008 में पहली बार बीएसएफ में महिला प्रहरियों को तैनात किया गया था. आज ये प्रहरी पुरुष जवानों की तरह ही सीमा पर हर समय ड्यूटी पर मुस्तैद हैं.

इलाके की कई लड़कियां सेना में भर्ती हुईं
कुछ महिला सीमा प्रहरियों से इंडिया टुडे ने बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें देश की हिफाजत करने में गौरव महसूस हो रहा है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली प्रीति चौधरी का कहना है कि वह अपने इलाके की एकमात्र महिला हैं जो सबसे पहले इसमें भर्ती हुई थीं. उन्हें महिलाएं और पुरुष शक की नजरों से देखते थे लेकिन समय अब बदल गया है. अब इलाके की कई लड़कियां सेना में भर्ती हुई हैं.

पुरुषों से नहीं हैं कम
इसी तरह पंजाब की रहने वाली संजना को भी BSF का हिस्सा बनने पर फक्र महसूस हो रहा है. दरअसल सीमा सुरक्षा बल में महिला फोर्स का दायरा बढ़ा है. देश की सीमाओं पर महिलाओं की तैनाती से सरहद के आस-पास घूमने वालों और घुसपैठ करने वालों पर ये सीमा प्रहरी कड़ी नजर रखती हैं. इन महिलाओं को पुरुषों की तरह पूरी तरह से सीमा सुरक्षा बल में दाहिना हाथ होने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. महिलाओं ने भी ये साबित किया है कि वे पुरुषों से किसी भी लिहाज से कम नहीं हैं.

-अशरफ वानी की रिपोर्ट