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Toilet Seat Tax: हिमाचल में अब टॉयलेट सीट पर लगेगा टैक्स? सीएम सुक्खू ने कही यह बात

हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों सहित हिमाचल प्रदेश में यूजर्स के लिए पानी और सीवरेज दरों में संशोधन किया है. इस बीच कहा जा रहा था कि शहरी क्षत्रों के लोगों से Toilet Seat Tax भी लिया जाएगा. लेकिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे बेबुनियाद बताया है.

Toilet Seat Tax (Photo: Unsplash) Toilet Seat Tax (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • 25 रुपए प्रति टॉयलेट सीट टैक्स 

  • अब संभलकर इस्तेमाल करना होगा पानी 

आपने वाटर टैक्स... प्रॉपर्टी टैक्स आदि तो सुना होगा, लेकिन क्या आपने टॉयलेट सीट टैक्स सुना है? शायद नहीं... लेकिन पिछले कुछ दिनों से चर्चा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहाड़ी राज्य में टॉयलेट सीट टैक्स लगाने का फैसला किया है. इसके तहत हिमाचल प्रदेश के लोगों से उनके घरों में टॉयलेट सीटों की संख्या के आधार पर टैक्स लिया जाएगा. लेकिन अब हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बयान में कहा है कि टॉयलेट सीट टैक्स की बात बेबुनियाद है. 

अब संभलकर इस्तेमाल करना होगा पानी 
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल सरकार ने वाटर बिल के नए टैरिफ जारी किए थे. नए टैरिफ के मुताबिक, 0 से 20 किलोलीटर पानी के इस्तेमाल पर 19.30 रुपये प्रति किलोलीटर, 20 से 30 किलोलीटर के लिए 33.28 रुपये और 30 किलोलीटर से ज्यादा के लिए 59.90 रुपये प्रति किलोलीटर के हिसाब से बिल भरना होगा. पानी कनेक्शन के लिए घरों पर प्रति माह न्यूनतम 110 रुपये का रखरखाव शुल्क लगाया जाएगा. अगर मीटर खराब है तो पिछले तीन महीने का औसत बिल इस्तेमाल किया जाएगा और 444.07 रुपये प्रति माह का चार्ज लगेगा. ये दरें ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए लागू हैं. 

कमर्शियल संस्थानों के लिए ये रहेंगे चार्ज 
जल संसाधन विभाग ने कमर्शियल यूजर्स और संस्थानों के लिए भी नई दरें निर्धारित की हैं. सरकारी संस्थानों, अस्पतालों, स्कूलों, धर्मशालाओं, धार्मिक स्थानों, ढाबों, दुकानों, वॉशिंग सेंटर, होमस्टे, निजी अस्पतालों, निजी स्कूलों, निजी कार्यालयों, रेस्तरां और अन्य सामान्य होटलों में 0 से 20 किलोलीटर पानी के लिए 19.30 रुपये प्रति किलोलीटर, 20 से 30 किलोलीटर के लिए 33.28 रुपये, 30 से 50 किलोलीटर के लिए 59.90 रुपये, 50 से 100 किलोलीटर के लिए 106.30 रुपये और 100 किलोलीटर से ज्यादा पानी के उपयोग के लिए 150 रुपये का शुल्क लिया जाएगा. जबकि, न्यूनतम मेंटेनेंस चार्ज 110 रुपये तय किया गया है.

सरकार ने सीवरेज कनेक्शन के लिए नई दरें भी निर्धारित कर दी हैं. घरेलू यूजर्स के लिए यह शुल्क 500 रुपये, कमर्शियल यूजर्स के लिए 1,000 रुपये और गैर-घरेलू, गैर-व्यावसायिक यूजर्स के लिए यह शुल्क 2,500 रुपये होगा. वहीं, राज्य में लक्जरी होटलों के लिए, पानी बिल की नई दरें 0 से 30 किलोलीटर पानी के लिए 106.30 रुपये, 30 से 75 किलोलीटर के लिए 141.76 रुपये और 75 किलोलीटर से ज्यादा उपयोग के लिए 194.85 रुपये होंगी. इन होटलों के लिए न्यूनतम रखरखाव शुल्क 220 रुपये प्रति माह होगा और मीटर खराब होने पर 7,779.70 रुपये का शुल्क लगेगा. 

सम्बंधित ख़बरें

  • सीवरेज बिल: पानी के बिल का 30%, न्यूनतम ₹100 प्रति माह 
  • पानी कनेक्शन शुल्क: ₹100 प्रति माह प्रति कनेक्शन 
  • रखरखाव शुल्क: ₹110 न्यूनतम 
  • सीवरेज कनेक्शन शुल्क: घरेलू यूजर्स के लिए ₹500, कमर्शियल यूजर्स के लिए ₹1,000, और गैर-घरेलू, नॉन-कमर्शियल यूजर्स के लिए ₹2,500. 

 
हालांकि, विधवाओं, निराश्रित महिलाओं और दिव्यांग लोगों सहित कुछ केटेगरी को मुफ्त पानी कनेक्शन से राहत मिलेगी. 

टॉयलेट सीट टैक्स की चर्चा 
वाटर बिल पर सरकारी अधिसूचना आने के बाद से ही राज्य में यह चर्चा होने लगी कि सरकार टॉयलेट सीट टैक्स ले रही है. लेकिन अब सीएम सुक्खू का कहना है कि ऐसा नहीं है. उनका कहना है कि टॉयलेट सीट टैक्स जैसा कुछ नहीं है. लोगों को पहले अच्छे से पढ़ना चाहिए फिर इस पर कुछ कहना चाहिए. आपको बता दें कि पहाड़ी राज्य में 5 नगर निगम, 29 नगर पालिकाएं और 17 नगर पंचायतें हैं, जिनमें सामूहिक रूप से लगभग 10 लाख निवासी रहते है.