हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में देश का सबसे लंबा और दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे बनेगा. इस रोपवे की लंबाई 13.79 किलोमीटर होगी. जबकि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 1734 करोड़ रुपए खर्च होगा. आपको बता दें कि दुनिया का सबसे लंबा रोपवे बोलीविया की राजधानी ला पाज में है. इसकी लंबाई 33 किलोमीटर है. चलिए आपको इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में सबकुछ बताते हैं.
दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे-
हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस प्रोजेक्ट को लेकर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश रोपवे की दुनिया में देश को रास्ता दिखाएगा. इस रोपवे से शिमला की पहचान में एक और लैंडमार्क जुड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह देश का सबसे लंबा और दुनिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा. शिमला रोपवे पर काम अगले साल पहली मार्च से शुरू करने का लक्ष्य है.
कैसा होगा शिमला रोपवे-
शिमला का रोपवे 13.79 किलोमीटर लंबा होगा. इस रोपवे में 220 के करीब ट्रॉली लगाई जाएगी. हालांकि बाद में इसे बढ़ाकर 660 तक की जाएगी. इसमें 14 स्टॉपेज बनाए जाएंगे. यह रोपवे 60 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगा. इस रोपवे से तारा देवी से ओल्ड बस स्टैंड संजौली और शिमला के दूसरे क्षेत्रों को रोपवे से जोड़ा जाएगा. तारी देवी, चक्कर, कोर्ट परिसर, टूटीकंडी पार्किंग, न्यू आईएसबीटी, 103 टनल, रेलवे स्टेशन, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस स्टैंड, लक्कड़ मार्केट, आईजीएमसी, संजौली, नवबहार को स्टेशन बनाने के लिए चिह्नित किए गए हैं.
एक घंटे में 2 हजार लोग करेंगे सफर-
इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1734 करोड़ रुपए होगी. इस रोपवे रूट पर शुरुआती तौर पर एक घंटे में एक हजार लोग सफर करेंगे. जबकि दोनों तरफ से दो हजार लोग सफर कर पाएंगे.
इस प्रोजेक्ट में न्यू डेवलपमेंट बैंक की तरफ से फैक्ट फाइंडिंग मिशन के तहत 2 जून से 10 जून तक निरीक्षण किया जा चुका है. एनडीबी ने कॉन्सेप्ट नोट को 12 जुलाई को मंजूरी दी. दिसंबर में एनडीबी की बैठक में इस प्रस्ताव को पेश किया जाएगा. इसके बाद टेंडर निकाला जाएगा और एक मार्च 2025 से काम शुरू कर दिया जाएगा.
शिमला रोपवे प्रोजेक्ट पूरा होने से शिमला में जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा. इस शहर में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. जिससे जाम जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. लेकिन रोपवे के बनने से इस समस्या से निजात मिलेगी.
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