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हिंदू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई ने दी भाईचारे की मिसाल, 15 साल से सभी धर्म के लोग मिल कर खोलते है रोजा

फरीदकोट में हिंदू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई के बीच भाईचारे की एक मिसाल देखने को मिली है. यहां पर हिंदू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई मिलकर एक साथ इफ्तार पार्टी में शामिल होते हैं.

 hindu, muslim, sikh and christians together at IFTAR hindu, muslim, sikh and christians together at IFTAR
हाइलाइट्स
  • फरीदकोट में 15 साल से एक साथ हिंदू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई, मिलकर खोलते है रोजा

  • फरीदकोट जामा मस्जिद की तरफ से इफ्तार पार्टी में शामिल होते है सभी धर्मों के गुरु

एक तरफ जहां राजधानी दिल्ली में हनुमान चालीसा और नमाज पढ़ने को लेकर बवाल मचा है. वहीं पंजाब के जिला फरीदकोट में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई भाईचारे की एक मिसाल देखने को मिली है. यहां पर हिंदू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई मिलकर एक साथ बैठ खाना खाते हैं. फरीदकोट जामा मस्जिद की तरफ से इफ्तार पार्टी का अयोजन किया गया था. जहां पर सभी धर्मों के लोग इफ्तार पार्टी में शामिल हुए. यहां पर पिछले 15 सालो से एक साथ हिंदू ,मुस्लिम, सिख, ईसाई, मिल कर रोजा खोलते हैं, नमाज पढ़ते है, एक साथ मिल कर खाना खाते है और गले मिलते है. फरीदकोट में कोई जात-पात, उच्च-नीच, या बड़े-छोटे का कोई भेदभाव नही रखा जाता. फरीदकोट में सभी इन्सानियत पहले धर्म को बाद में मानते है. हमने मुसलमान के मौलवी, हिन्दू के पंडित और सिख धर्म के खालसा ने कहा कि हम सब एक है .

इफ्तार पार्टी के मौके पर फरीदकोट के जामा मस्जिद के इमाम मोहमद जाहिद ने बताया कि यहां पर सभी आपसी भाईचारा रखने के लिए इफ्तार पार्टी में शामिल होते है. इफतार पार्टी में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई शामिल होकर एकता का संदेश देते है. इस इफ्तार पार्टी में पंजाब  के एडीजीपी एम एफ फारुखी पहुचे. फारुखी ने कहा कि हमें इस तरह से प्रोग्राम करते 15 साल के करीब हो गये है. वहीं फरीदकोट के विधायक गुरदीत सिंह सेखों भी इस इफ्तार पार्टी में शामिल हुये और कहा कि हमारा धर्म एक ही बात कहता है, मानस की जात सब एक ही पहचानो.

इस मोके पंडित अवदेश शर्मा ने भी एकता का संदेश देते हुए कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हम सभी एक गाड़ी के 4 पहिये है जो मिल कर चलते है. जैसे हम यहां फरीदकोट में सभी धर्म के लोग मिल कर रहते है. वैसे ही सभी देश वासी भी मिल कर रहे तो देश को कोई तोड़ नही सकता . इस मौके पर सिख धर्म से भाई बलवंत सिंह खालसा ने भी इस मौके के बारे में बताया कि काफी लंबे समय से हम सभी यहां आते है और एक साथ मिल कर इफ्तार पर्टी में शामिल होते है. जो भाईचारा खत्म होता जा रहा है वह यहां आ कर लगता है कि अभी इंसानियत में भाईचारा जिंदा है. हमारे गुरु जी ने भी हमे मिल कर रहने का संदेश दिया है.

(उमेश मिश्रा की रिपोर्ट)