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Couples in Lok Sabha: पहले बने जीवनसाथी, फिर संग-संग सियासत... लोकसभा में साथ सदस्य रहे हैं ये कपल्स

18वीं लोकसभा में चुने गए सांसदों ने कुछ दिन पहले ही शपथ ग्रहण की. इस बार खास बात यह रही कि उत्तर प्रदेश की चर्चित जोड़ी, अखिलेश यादव और उनकी पत्नी, डिंपल यादव एक साथ लोकसभा पहुंचे हैं. उत्तर प्रदेश से एक साथ लोकसभा में जाने वाला यह पहला कपल है.

Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav with wife MP Dimple Yadav Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav with wife MP Dimple Yadav

हाल ही में, 18वीं लोकसभा के सदस्यों ने शपथ ली. इस बार लोकसभा में सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाली जोड़ी है समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव. अखिलेश और डिंपल, पहली जोड़ी है जो उत्तर प्रदेश से एक साथ लोकसभा के लिए चुने गए हैं. अखिलेश जहां कन्नौज से निर्वाचित हुए हैं, वहीं डिंपल मैनपुरी से निर्वाचित हुई हैं. अखिलेश और डिंपल पहले 17वीं लोकसभा में थे लेकिन अलग-अलग टाइम पीरियड में. 

साल 2019 में अखिलेश ने आज़मगढ़ लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की, जबकि डिंपल कन्नौज से चुनाव हार गईं थीं. मार्च 2022 में विधानसभा चुनाव में करहल विधानसभा सीट से विधायक चुने जाने के बाद अखिलेश ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था. मुलायम यादव की मृत्यु के बाद, डिंपल ने 2022 के उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार रघुराज शाक्य को 2.88 लाख वोटों के अंतर से हराकर मैनपुरी सीट जीती थी. 
 
इससे पहले भी ऐसे कई मौके हैं जब पति-पत्नी साथ में लोकसभा में पहुंचे: 
 
1. ए के गोपालन और सुशीला गोपालन (1967-70 के बीच चौथी लोकसभा) 
भारत में कम्युनिस्ट पार्टी और वामपंथी और लोकतांत्रिक आंदोलन के मुख्य वास्तुकारों में से एक थे ए.के. गोपालन. वह एक स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक भी थे. वह 1952 से 1977 के बीच 5 बार लोकसभा सांसद रहे और केरल के पालघाट से चुने गए. उन्होंने 1962 में ई.एम.एस नंबूदरीपाद, एस ए डांगे और अन्य सदस्यों के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी छोड़ दी. वह CPI (मार्क्सवादी) के संस्थापक सदस्य थे. 
 
उनकी पत्नी सुशीला गोपालन भी एक प्रसिद्ध मार्क्सवादी और ट्रेड यूनियनवादी थीं. वह पहली बार 1967 में केरल के चिरयिंकिल से लोकसभा के लिए चुनी गईं. वह 1980 में सातवीं लोकसभा के लिए फिर से चुनी गईं और 1991 में तीसरी बार दसवीं लोकसभा के लिए चुनी गईं. 

2. सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और किशोरी सिन्हा (1980 और 1989 के बीच 7वीं और 8वीं लोकसभा) 
 सत्येन्द्र नारायण सिन्हा और किशोरी सिन्हा बिहार के औरंगाबाद में एक कुलीन और धनी परिवार से हैं. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया. वह 1952 से छह बार औरंगाबाद निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए. वह 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. उनकी पत्नी किशोरी 1980 और 1989 के बीच लोकसभा में उनके साथ थीं. वह वैशाली से चुनी गईं. 
 
3. चौधरी चरण सिंह और गायत्री देवी (1980 और 1984 के बीच 7वीं लोकसभा) 
भारत के पूर्व प्रधान मंत्री चरण सिंह तीन बार लोकसभा सांसद रहे. 1980 में वह उत्तर प्रदेश के बागपत निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए. उस चुनाव में उनकी पत्नी गायत्री कैराना लोकसभा सीट से चुनी गईं. 1980 से 1984 के बीच दोनों एक साथ लोकसभा में थे. 
 
4. मधु और प्रमिला दंडवते (1980 और 1984 के बीच 7वीं लोकसभा) 
भारत के पूर्व रेल एवं वित्त मंत्री प्रो. मधु दंडवते पांच बार सांसद रहे. 1980 में वह जनता पार्टी के टिकट पर महाराष्ट्र के राजापुर लोकसभा क्षेत्र से चुने गये. उनकी पत्नी प्रमिला दंडवते जनता पार्टी के टिकट पर बॉम्बे नॉर्थ सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गईं. 1980 से 1984 के बीच सातवीं लोकसभा में दोनों साथ थे. 
 
5. राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव और रंजीत रंजन (2004 और 2009 के बीच 14वीं लोकसभा; 2014 और 2019 के बीच 16वीं लोकसभा) 
बिहार के नेता और छह बार सांसद रहे पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीत रंजन दो बार 2004 और 2014 में एक साथ चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. हालांकि, दोनों ने अलग-अलग पार्टियों का प्रतिनिधित्व किया. 2004 में, पप्पू यादव राजद के टिकट पर मधेपुरा से चुने गए, और उनकी पत्नी रंजीत लोक जन शक्ति पार्टी के टिकट पर सहरसा से चुनी गईं। 2014 में पप्पू यादव फिर से मधेपुरा से चुने गए, जबकि उनकी पत्नी रंजीत कांग्रेस के टिकट पर सुपौल लोकसभा सीट से जीतीं. 

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