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वाघा बॉर्डर जैसे ही गुजरात से कर सकेंगे सीमा दर्शन, भारत-पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर पर बनाया गया व्यू पॉइंट

व्यू प्वाइंट भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से केवल 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर बनाया गया है. नादाबेट व्यूप्वाइंट के जरिए जवानों की कहानियों को आम लोगों के सामने रखा जाएगा. यहां तक कि टूरिस्ट बॉर्डर पर लगे तारों को छूकर महसूस भी कर सकेंगे. 

Gujrat View Point Gujrat View Point
हाइलाइट्स
  • केवल बीएसएफ के जवान करेंगे प्रदर्शन 

  • मिसाइल और टैंक भी देख सकेंगे पर्यटक 

अब गुजरात से भी सीमा दर्शन कर सकेंगे. ये बिलकुल पंजाब के अटारी-वाघा बॉर्डर की तरह होगा. रविवार को पर्यटकों के लिए गुजरात सरकार ने सीमा दर्शन प्रोजेक्ट शुरू किया है. इस प्रॉजेक्ट के तहत राज्य के बनासकांठा जिले के नादाबेट में भारत-पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर को लोगों के लिए खोला गया है. 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के इस व्यू पॉइंट का उद्घाटन किया है. ये गुजरात का पहला बॉर्डर प्वाइंट है जहां बॉर्डर की फोटो गैलरी और हथियारों समेत टैंकों का प्रदर्शन किया जाएगा. 

केवल बीएसएफ के जवान करेंगे प्रदर्शन 

नादाबेट में सिर्फ बीएसएफ के जवान ही प्रदर्शन करेंगे इसमें पाकिस्तान की सेना भाग नहीं लेने वाली है. नादाबेट का ये व्यू प्वाइंट भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से केवल 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर बनाया गया है. नादाबेट व्यूप्वाइंट के जरिए जवानों की कहानियों को आम लोगों के सामने रखा जाएगा. यहां तक कि टूरिस्ट बॉर्डर पर लगे तारों को छूकर महसूस भी कर सकेंगे. 

125 करोड़ की लागत से किया गया है विकसित 

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात पर्यटन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आलोक पांडे ने कहा, "सीमा दर्शन प्रोजेक्ट के तहत, भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित नादाबेट को राज्य पर्यटन विभाग ने 125 करोड़ की लागत से विकसित किया है." 

आलोक पांडेय कहते हैं, “इस प्रोजेक्ट की शुरुआत राष्ट्र के नागरिकों को सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों की जीवन शैली को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर देने के उद्देश्य से की गई है. लोग आसानी से देख सकेंगे कि वे किन स्थिति में रहते हैं. इसके अलावा उनके कर्तव्यों और उनकी देशभक्ति के बारे में भी जान सकेंगे. 

मिसाइल और टैंक भी देख सकेंगे पर्यटक 

पर्यटक नादाबेट में भारतीय सेना और बीएसएफ के अलग-अलग हथियारों जैसे टी-55 टैंक, आर्टिलरी गन, टॉरपीडो, विंग ड्रॉप टैंक और मिग-27 मिसाइल भी देख सकेंगे. राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों की स्मृति में 'अजय प्रहरी' नाम का एक और स्मारक बनाया गया है. यहां 40 फीट की ऊंचाई पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया है.

बीएसएफ जवान के जीवन के साथ-साथ सीमावर्ती गांवों के निवासियों की दिनचर्या के बारे में भी लोग जान सकेंगे, इसके लिए विजुअल सेटिंग की गई है. वर्चुअल पेट्रोलिंग, सिमुलेटर जैसे हाई-टेक इंटरएक्टिव इंस्टॉलेशन भी टूरिस्ट्स के लिए लगाए गए हैं.