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1971 के युद्ध के 50 साल पूरे, कराची बंदरगाह को नेस्तनाबूद करने वाले भारतीय नौसेना के 'किलर' स्क्वाड्रन को सर्वोच्च सम्मान

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "4-5 दिसंबर 1971 की रात को, भारतीय नौसेना के सबसे कम उम्र के योद्धाओं ने सबसे पहले अपना खून तब बहाया, जब उन्होंने पाकिस्तानी नौसेना पर एक विनाशकारी आक्रमण शुरू किया. भारतीय नौसेना के जहाजों निर्घाट, निपत और वीर ने अपनी स्टाइक्स मिसाइलें दागीं और पाकिस्तानी नौसेना के खैबर और मुहाफिज जहाज को डूबो दिया. जिससे पाकिस्तानी नौसेना की आकांक्षाओं को एक घातक झटका लगा था."

कराची बंदरगाह को नेस्तनाबूद करने वाले भारतीय नौसेना के 'किलर' स्क्वाड्रन को सर्वोच्च सम्मान कराची बंदरगाह को नेस्तनाबूद करने वाले भारतीय नौसेना के 'किलर' स्क्वाड्रन को सर्वोच्च सम्मान
हाइलाइट्स
  • राष्ट्रपति करेंगे किलर स्क्वाड्रन का सम्मान

  • युद्ध की 50 वीं वर्षगांठ मना रहा है देश

1971 का युद्ध, जिसमें भारतीय नौसेना ने दुश्मन को उन्हीं के घर में घुस कर धूल चटाई थी. इस युद्ध के दौरान ऑपरेशन ट्राइडेंट को अंजाम देने वाले भारतीय नौसेना के 'किलर' स्क्वाड्रन ने कराची बंदरगाह को नष्ट करके पाकिस्तानी नौसेना को झटका दिया था. अब इसकी सफलता के 50 साल पूरा करने पर अब उन्हें प्रतिष्ठित राष्ट्रपति मानक से सम्मानित किया जाएगा. 

राष्ट्रपति करेंगे किलर स्क्वाड्रन का सम्मान
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में होने वाली एक औपचारिक परेड में 22वें मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन राष्ट्रपति मानक प्रदान करेंगे. इस वेसल स्क्वाड्रन को किलर स्क्वाड्रन के रूप में भी जाना जाता है. स्क्वाड्रन आधुनिक समय में भी काफी सक्रिय रहती है. नौसेना का कहना है कि, "भारतीय नौसेना की तलवार शाखा की नोक होने के नाते, युद्ध के लिए तैयार मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन ने ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन पराक्रम और हाल ही में, पुलवामा हमले के बाद बढ़ी हुई सुरक्षा के दौरान भी अहम भूमिका निभाई थी." बयान में ये भी कहा गया कि, "इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, डाक विभाग द्वारा एक स्मारक डाक टिकट के साथ एक विशेष दिवस कवर भी जारी किया जाएगा."

सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित होंगे किलर स्क्वाड्रन
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रपति का मानक सर्वोच्च कमांडर द्वारा किसी सैन्य इकाई को प्रदान की गई सेवा के सम्मान में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है. किलर स्क्वाड्रन की उत्पत्ति 1969 में हुई, जब 22वीं मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन को औपचारिक रूप से अक्टूबर 1991 में दस वीर क्लास और तीन प्रबल क्लास मिसाइल नौकाओं के साथ मुंबई में स्थापित किया गया था. 

1971 के युद्ध में दुश्मनों को चटाई थी धूल
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "4-5 दिसंबर 1971 की रात को, भारतीय नौसेना के सबसे कम उम्र के योद्धाओं ने सबसे पहले अपना खून तब बहाया, जब उन्होंने पाकिस्तानी नौसेना पर एक विनाशकारी आक्रमण शुरू किया. भारतीय नौसेना के जहाजों निर्घाट, निपत और वीर ने अपनी स्टाइक्स मिसाइलें दागीं और पाकिस्तानी नौसेना के खैबर और मुहाफिज जहाज को डूबो दिया. जिससे पाकिस्तानी नौसेना की आकांक्षाओं को एक घातक झटका लगा था. और वो आज तक इस झटके से उभर नहीं पाए हैं." 4-5 दिसंबर के पहले झटके के बाद, भारतीय नौसेना ने 8 और 9 दिसंबर की रात को भी एक और हमला किया, जब आईएनएस विनाश ने दो फ्रिगेट्स के साथ, चार स्टाइक्स मिसाइलों को लॉन्च किया, जिससे पाकिस्तान नौसेना का टैंकर ढाका डूब गया और कराची में केमारी तेल भंडारण सुविधा को काफी नुकसान हुआ था.

युद्ध की 50 वीं वर्षगांठ मना रहा है देश
रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा, "इस बार फिर से, भारतीय बलों को कोई नुकसान नहीं हुआ. यह स्क्वाड्रन के जहाजों और पुरुषों के इन वीर कार्यों के कारण है कि उन्होंने 'किलर्स' की उपाधि अर्जित की और भारतीय नौसेना 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के रूप में मनाती है." इस साल 1971 के युद्ध में जीत की 50वीं वर्षगांठ है और इसे पूरे देश में स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. यह वर्ष 'किलर' की स्थापना के पचास वर्ष को चिह्नित करता है, जिन्होंने पिछले पांच दशकों में समुद्र से एक विश्वसनीय आक्रामक क्षमता बनाए रखी है. 
बयान में आगे कहा गया है कि, "उच्च गति और चोरी-छिपे हमले करने में सक्षम ये घातक जहाज, अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस, सबसे युवा और सबसे प्रेरित चालक दल, 22 वीं मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन द्वारा संचालित, हमारे विरोधियों द्वारा किसी भी दुस्साहस के खिलाफ राष्ट्र को नौसेना का आश्वासन है. इस निडर गठन के लिए राष्ट्रपति का मानक उन लोगों के लिए एक अच्छी तरह से योग्य श्रद्धांजलि है, जिन्होंने वर्षों से 'किलर स्क्वाड्रन' के एक हिस्से के रूप में राष्ट्र की अमूल्य सेवा की है."