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UPSC Chairman: कैसे होती है यूपीएससी चेयरमैन की नियुक्ति, क्या होता है कार्यकाल, क्या दोबारा हो सकती है इस पद पर नियुक्ति?

यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) के चेयरमैन की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं. चेयरमैन का कार्यकाल 6 साल की अवधि या 65 साल की आयु प्राप्त करने तक का होता है. जबकि राज्य आयोग या संयुक्त आयोग के सदस्यों के लिए आयु सीमा 62 साल है. नियम कहता है कि UPSC का कोई सदस्य दोबारा नियुक्त नहीं हो सकता है.

UPSC UPSC

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के चेयरमैन मनोज सोनी ने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया है. उनका कार्यकाल 2029 में खत्म होना था. लेकिन इससे पहले ही उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया. इसको लेकर मुख्य विरोधी कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. चलिए आपको बताते हैं कि यूपीएससी चेयरमैन की नियुक्ति कैसे होती है और इसमें क्या भूमिका अहम होती है.

UPSC चेयरमैन की नियुक्ति का नियम-
UPSC के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सीधे राष्ट्रपति करते हैं. यह नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 316(1) के तहत होती है. सदस्य के तौर पर कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य (कार्यरत या अवकाशप्राप्त) होते हैं, जिन्हें भारत या राज्य की सरकार के तहत कम से कम 10 साल का अनुभव होता है. अनुच्छेद 317 के तहत UPSC के चेयरमैन और अन्य सदस्यों को सिर्फ राष्ट्रपति ही उनके पद से हटा सकते हैं.

कितने समय का होता है कार्यकाल-
आपको बता दें UPSC के सदस्य अपने पद ग्रहण की तारीख से 6 साल की अवधि तक या 65 साल की आयु प्राप्त कर लेने तक (जो भी पहले हो) अपने पद पर रहते हैं. राज्य आयोग या संयुक्त आयोग के सदस्यों के लिए आयु सीमा 62 साल है. मनोज सोनी 2017 में आयोग के सदस्य बने थे. 16 मई 2023 को अध्यक्ष का पद संभाला और कार्यकाल 2029 तक खत्म होना था.

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अध्यक्ष पद खाली होने पर क्या होता है-
अगर अध्यक्ष का पद खाली होता है या कोई अध्यक्ष अपने पद के कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ होता है. तब तक बाकी सदस्यों में से कोई सदस्य जो राष्ट्रपति (संघ आयोग में) या राज्यपाल (राज्य आयोग में) द्वारा नियुक्त हो, अध्यक्ष के कर्तव्यों का पालन करेगा. नए UPSC चेयरमैन की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी तक शुरू नही हुई है.

हटाने का क्या है प्रोसेस-
UPSC का कोई सदस्य, संघ आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में राष्ट्रपति को और राज्य आयोग की दशा में राज्य के राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे सकता है.

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 317 के क्लॉज (1) या क्लॉज (3) में उपबंधित तरीके से किसी सदस्य को उसके पद से हटाया जा सकता है.
कोई सदस्य जो UPSC के सदस्य के तौर पर नियुक्त होता है, कार्यकाल खत्म होने पर फिर से उस पद पर नियुक्ति पाने का पात्र नहीं होता है.

(राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)

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