
अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जे.डी. वैंस (JD Vance) अपनी पत्नी उषा वैंस के साथ भारत की पहली आधिकारिक यात्रा के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं. वैंस भारत पहुंचने के बाद सबसे पहले अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर गए. वह चार दिन तक के भारत दौरे पर दिल्ली और जयपुर में रहेंगे. लेकिन इन दोनों शहरों से दूर आंध्र प्रदेश का एक गांव उनकी बाट जोह रहा है.
उषा के इंतज़ार में उनका गांव
उषा वैंस के पूर्वज आंध्र प्रदेश में पश्चिमी गोदावरी जिले के वडलुरु गांव की रहने वाले थे. ये जगह नारियल के पेड़ों और सड़कों के किनारे बने पारंपरिक घरों के लिए मशहूर है. जब गांव वालों को अमेरिका के हाई प्रोफाइल दंपति के भारत आने की खबर मिली तो वे उत्साहित हो गए. गांव वालों को उषा के पैतृक निवास की वजह से गर्व और खुशी है. उन्हें उम्मीद है कि उषा अपना गांव देखने आ सकती हैं.
इस गांव के रहने वाले पी. वी. रामनैया समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ खास बातचीत में कहते हैं, "सबसे पहले मैं उषा वैंस को शुभकामनाएं देना चाहता हूं. उनके पति जे. डी. वैंस अमेरिका के उप-राष्ट्रपति बन गए हैं. हमें पता चला है कि उषा गारू दिल्ली आ रही हैं. हमें उम्मीद है कि वे अपने पूर्वजों के गांव और मंदिर देखने और रिश्तेदारों से मिलने यहां जरूर आएंगी. हम सभी उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं."
एक अन्य ग्रामीण बद्रीनाथ ने कहा, "उषा वैंस अमेरिका में बस गई हैं. चुनावों के बाद उनके पति जे. डी. वैंस अमेरिका के उप-राष्ट्रपति बन गए हैं. समाचारों से हमें पता चला कि वे भारत आ रही हैं. चूंकि ये उनका पैतृक गांव है, इसलिए हम उम्मीद कर रहे हैं कि वह यहां का दौरा करेंगी. ग्रामीण बहुत खुश होंगे."
फिज़िक्स पढ़ाती हैं परदादी, साइंसदानों से भरा परिवार
एक ओर जहां उषा वैंस ने येल और कैंब्रिज जैसे संस्थानों से शिक्षा हासिल की है, वहीं उनका परिवार भी शिक्षा के मामले में कम नहीं है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट बताती है कि जब उषा कैंब्रिज और येल में पढ़ाई कर रहीथीं तो उनके दोनों माता-पिता या तो आईआईटी में पढ़ा रहे थे या पढ़ रहे थे. उनकी छोटी बहन अमेरिका के सैन डिएगो में एक सेमीकंडक्टर कंपनी में मकैनिकल इंजीनियर हैं जबकि एक बुआ चेन्नई में डॉक्टर हैं.
इन सबसे ज्यादा हैरान करने वाली हैं उषा की एक परदादी, जो 96 साल की उम्र में फिज़िक्स पढ़ाती हैं. शांतम्मा चिलुकुरी अब भी यूनिवर्सिटी पहुंचने के लिए घर से 60 किलोमीटर दूर का सफर करती हैं, ताकि वह अपने स्टूडेंट्स को फिजि़क्स पढ़ा सकें.
उषा के पैतृक गांव के लोगों ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से आग्रह किया है कि वह उषा को आंध्र प्रदेश लेकर आएं. वैंस दंपत्ति अपने भारत दौरे के दौरान दिल्ली-जयपुर के अलावा आगरा भी जाएंगे. अगर वे आंध्र प्रदेश भी आते हैं तो यह उषा के पैतृक गांव के लिए बेहद गर्व की बात होगी.