रूस और यूक्रेन के बीच जंग गंभीर होती जा रही है. यूक्रेन के जेपोरिजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर रूस जबरदस्त बमबारी कर रहा है. ये यूक्रेन का सबसे बड़ा पावर प्लांट है, यहां 6 न्यूक्लियर रिएक्टर हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु निरोध बल(Nuclear Detrence Forces )को अपनी प्रतिरोधी शक्तियों को "स्पेशल अलर्ट" पर रखने का आदेश दिया है, जिनमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं. उनके इस ऐलान के बाद से अब दुनियाभर में परमाणु हथियारों को लेकर चर्चा बढ़ गई है.
इस वक्त दुनिया में नौ देशों के पास परमाणु हथियार हैं जिनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राएल और उत्तर कोरिया शामिल हैं. रूस के पास सबसे ज्यादा 6 हजार 255 परमाणु हथियार हैं जबकि अमेरिका के पास 5800, ब्रिटेन के पास 225, फ्रांस के पास 290, चीन के पास 350 और भारत के पास 156 परमाणु हथियार हैं. परमाणु हथियार बेहद शक्तिशाली विस्फोटक या बम हैं.
परमाणु हथियारों पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (Stockholm International Peace Research Institute)ने पिछले साल अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया था कि चीन और पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर मिशन को तेजी से बढ़ा रहे हैं. 1990 के दशक से शुरू हुआ परमाणु बमों को कम करने का सिलसिला अब थम गया है.
परमाणु बमों की संख्या में आई कमी
इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की मानें तो साल 2020 की तुलना में 2021 में दुनिया के कुल परमाणु बमों की संख्या में कमी आई है. साल 2020 में नौ देशों को मिलाकर दुनिया में 13400 परमाणु बम थे, जोकि 2021 में घटकर 13080 हो गए. हालांकि, तुरंत किसी भी तरह के ऑपरेशन के लिए तैयार रहने वाले परमाणु बमों में बढ़ोतरी भी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में 3720 परमाणु बम तैनात थे, जोकि 2021 में बढ़कर 3825 हो गए.
भारत की बात करें तो साल 2022 में भारत के पास 150 परमाणु बम थे, जबकि 2021 में इनकी संख्या बढ़कर 156 हो गई. भारत ने पिछले साल छह नए परमाणु हथियार बनाए और अब उसके पास करीब 156 परमाणु हथियार हो गए हैं.
कितना खतरनाक है परमाणु बम हमला ?
साल 1945 में दुनिया में पहली और आखिरी बार किसी देश पर परमाणु बम गिराया गया था. अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा पर 6 अगस्त और नागासाकी पर 9 अगस्त को परमाणु बम गिराए थे. हिरोशिमा आज भी इस बात की गवाही देता है कि कैसे परमाणु बम किसी देश को तहस-नहस कर सकता है. आज भी यहां के लोग इस हमले के असर से उबर नहीं सके हैं.
कब पड़ती है परमाणु हमले की जरूरत ?
भारत के मिसाइल मैन कहे जाने वाले वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का हमेशा से ही कहना था कि परमाणु हथियार 'शांति के हथियार' हैं. क्योंकि यह दूसरे देश को हमला करने से रोकते हैं. यही कारण है कि परमाणु हथियारों को अक्सर 'वेपन ऑफ डेटरेंस' यानी 'युद्ध रोकने वाले हथियार' भी कहा जाता है.
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