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Indian Missiles: कितने तरह की होती है मिसाइल, कितनी ताकतवर हैं भारत की मिसाइलें... जानिए इस आधुनिक हथियार की पूरी कहानी

मिसाइलें आधुनिक युद्ध का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी हैं. आज अमेरिका से लेकर ईरान तक हर देश इस हथियार के बलबूते दुश्मन को आंख दिखा रहा है. आइए जानते हैं कितने तरह की होती हैं मिसाइलें और इस हथियार के मामले में क्या है भारत की स्थिति.

New Delhi: Pinaka Missile system on display during the full dress rehearsal for the Republic Day Parade 2025 (PTI Photo) New Delhi: Pinaka Missile system on display during the full dress rehearsal for the Republic Day Parade 2025 (PTI Photo)

मिसाइलें आधुनिक युद्ध का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी हैं. यह हथियार सरहदों से परे, आसमान से लेकर जमीन तक और अंतरिक्ष से लेकर पाताल तक हर चुनौती से निपटने की ताकत रखता है. मिसाइलों ने युद्ध में क्रांति ला दी है. ये कुछ मिनटों में ही हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं और दूर से बैठकर अपने टारगेट पर सटीक निशाना लगा सकती हैं. 

 मिसाइलों की मारक क्षमता को देखते हुए इन्हें युद्ध का ऑलराउंडर कहें तो गलत नहीं होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस हथियार का विकास कैसे हुआ, मिसाइलें कितनी तरह की होती हैं और भारत की मिसाइल क्षमता कितनी आधुनिक है? आइए डालते हैं इन सब सवालों के जवाबों पर नज़र. 

मिसाइल का विकास 
मिसाइल अपनी तरह का एक सेल्फ प्रोपेल्ड हथियार है, जिससे सटीकता से निशाना लगाया जा सकता है. इसमें विस्फोटक भरकर भी ले जाया जा सकता है. ना सिर्फ सेनाओं बल्कि कई टारगेट्स को ये निशाना बना सकती है और न्यूक्लेअर वॉरहेड ले जाने में भी ये पूरी तरह से सक्षम है.

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मिसाइल का विकास एक जटिल और निरंतर प्रक्रिया है. इसमें अलग-अलग देशों ने अपनी सैनिक क्षमता को बढ़ाने के लिए मिसाइल प्रणालियों का निर्माण और विकास किया है. मिसाइलें एक तरह का रॉकेट होती हैं. ये एक जगह से दूसरी जगह ले जाकर टारगेट को बर्बाद करती हैं. मिसाइलों को उनकी गति के आधार पर सबसोनिक, सुपरसॉनिक और हाइपरसॉनिक की कैटेगरी में बांटा जाता है. 

रफ्तार के आधार पर बंटी हैं किस्में 
मिसाइल की गति को आवाज की गति के सापेक्ष मापा जाता है. इसे मैक में आंका जाता है. सबसॉनिक मिसाइलें आवाज से धीमी गति से चलती हैं. मिसाल के तौर पर, भारत की पृथ्वी शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल. सुपरसॉनिक मिसाइलें आवाज की गति से तेज चलती हैं, जैसे ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज़ मिसाइल. हाइपरसॉनिक मिसाइलें आवाज की गति से पांच गुना तेज चलती हैं, जैसे भारत की शौर्य और सागरिका मिसाइलें. 
 
मिसाइल का गाइडेंस सिस्टम 
मिसाइल की सटीकता में गाइडेंस सिस्टम का महत्वपूर्ण योगदान होता है. मिसाइलों में विभिन्न प्रकार के गाइडेंस सिस्टम होते हैं. जैसे कमांड गाइडेंस, इंटरनल गाइडेंस, टेरेन मैपिंग, लेज़र होमिंग और जीपीएस. इन गाइडेंस सिस्टम की मदद से मिसाइलें अपने टारगेट पर सटीक निशाना लगा सकती हैं. 
 
दुनिया के पर्दे पर कहां खड़ा है भारत? 
भारत के पास सबसॉनिक और सुपरसॉनिक मिसाइलें तो थी हीं. अब भारत ने हाइपरसॉनिक टेक्नोलॉजी डेमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफल परीक्षण कर अपनी मिसाइल क्षमता को और मजबूत किया है. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इस व्हीकल को विकसित किया है. 
यह व्हीकल 6000 से 12,000 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो हाइपरसॉनिक मिसाइल बनाने में सक्षम हैं. 

भारत के जखीरे में अग्नि मिसाइल सीरीज भी 
भारत की अग्नि मिसाइल सीरीज में अग्नि पांच सबसे महत्वपूर्ण है. यह 5000 किलोमीटर दूर दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने की ताकत रखती है. अग्नि पांच मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसकी पिनपॉइंट ऐक्युरेसी इसे बेहद घातक बनाती है. अग्नि पांच का सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करता है. 

मिसाइलें अब आधुनिक युद्ध का अहम हिस्सा बन चुकी हैं. भारत ने अपनी मिसाइल क्षमता को लगातार बढ़ाया है और हाइपरसॉनिक मिसाइलों के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण तरक्की की है. चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों को देखते हुए यह ज़रूरी है कि भारत इस तरक्की को बरकरार रखे.