दुनियाभर में एक तरफ जहां कोरोना की तीसरी लहर थम चुकी है लोग वापस अपने कामों पर लौट रहे हैं ऐसे में चौथी लहर की आहट दिख रही है. कई अन्य देशों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. जैसा कि ताजा कोविड -19 मामलों की वृद्धि ने थोड़ी सी चिंता पैदा कर दी है, विशेषज्ञों ने पता लगाया कि नए वैरिएंट का कारण 'स्टील्थ ओमिक्रॉन' (Stealth Omicron) नामक वायरस का एक नया वैरिएंट है, जो ओमिक्रॉन वैरिएंट से ही पैदा हुआ है.
स्टील्थ ओमिक्रॉन, जो ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है, दक्षिण कोरिया, चीन और अन्य एशियाई और यूरोपीय देशों में कोविड -19 मामलों के बढ़ने का कारण है. वैरिएंट को वैज्ञानिक रूप से BA.2 Omicron प्रकार के रूप में दर्शाया गया है.
क्या है स्टील्थ ओमाइक्रोन और डेल्टा ओमाइक्रोन के बीच अंतर
स्टील्थ ओमिक्रॉन वैरिएंट की उत्पत्ति कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट से ही हुई है. यह अपने पिछले वैरिएंट की तरह ही ट्रांसमिसिबल होगा. कोविड -19 के पिछले वेरिएंट और स्टील्थ ओमाइक्रोन के बीच एक बड़ा अंतर यह है कि पीसीआर टेस्ट के जरिए इसका पता लगाना कठिन है. हालांकि नए कोविड -19 वैरिएंट के बारे में अभी बहुत कुछ पता नहीं है, ऐसी उम्मीद है कि यह वैरिएंट ओमिक्रॉन से अधिक ट्रांसमिसिबल होगा. वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट अब तक सबसे ज्यादा ट्रांसमिसिबल वैरिएंट था. चूंकि इसका पता लगाना कठिन है, विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि इससे महामारी की अगली लहर आ सकती है.
कितना खतरनाक?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, स्टील्थ ओमिक्रॉन वैरिएंट अपर रैसपिरेटरी ट्रैक्ट को अटैक करता है. यह इसे डेल्टा से इसलिए अलग बनाता है क्योंकि डेल्टा फेफड़ों पर हमला करता है और ओमिक्रॉन वैरिएंट का रेसपिरेटरी सिस्टम पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. वैज्ञानिक और विशेषज्ञ चिंतित हैं कि स्टील्थ ओमिक्रॉन वैरिएंट कोविड -19 महामारी की चौथी लहर ला सकता है. चूंकि इसका पता लगाना कठिन है इसलिए यह पिछले वैरिएंट की तुलना में तेजी से और अधिक तीव्रता के साथ फैल सकता है.
विशेषज्ञों के अनुसार कोविड -19 महामारी की चौथी लहर जून या जुलाई में अपने चरम पर पहुंचने की उम्मीद है, और अक्टूबर के अंत तक रहने की संभावना है.